Wheat HD 3086 Variety: अधिक उत्पादन और कम समय में पकने वाली उत्तम किस्म
जानें गेहूं की HD 3086 किस्म के बारे में, जो अधिक उपज, रोग प्रतिरोधकता और समय पर परिपक्वता जैसी गुणों के कारण लोकप्रिय है। उत्तर भारत के किसानों के लिए बेहद लाभदायक।
Wheat HD 3086 Variety: अधिक उत्पादन और कम समय में पकने वाली उत्तम किस्म
भारत में रबी फसल के दौरान गेहूं की खेती के लिए उन्नत किस्में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस लेख में हम बात कर रहे हैं गेहूं की HD 3086 (पूसा गौतमी) किस्म की, जो अपनी उच्च उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण उत्तर भारत के किसानों के बीच खासा लोकप्रिय हो चुकी है।
HD 3086 गेहूं किस्म किसानों के लिए एक वरदान
भारत में रबी सीजन के दौरान गेहूं की बुवाई प्रमुखता से की जाती है। HD 3086, जिसे पूसा गौतमी के नाम से भी जाना जाता है, को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने विशेष रूप से उत्तर भारत के लिए 2020 में विकसित किया था। यह किस्म उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ-साथ अन्य उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों के किसानों के लिए अत्यधिक लाभदायक है।
HD 3086 किस्म की खासियतें
HD 3086 किस्म की विशेषताएं इसे अन्य किस्मों से अलग बनाती हैं। आइए जानते हैं इसकी प्रमुख खूबियां:
विशेषता विवरण
पैदावार 54.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर (उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में)
अधिकतम उपज क्षमता 81 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक
पकने का समय उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में 145 दिन, उत्तर पूर्वी क्षेत्र में 121 दिन
रोग प्रतिरोधकता पीले और भूरे रतुए रोगों के प्रति प्रतिरोधक
HD 3086 गेहूं किस्म की बुवाई और सिंचाई
यह किस्म सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त मानी जाती है। समय पर बुवाई और सिंचाई करने से इसकी उत्पादकता अधिक होती है। किसान अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में इसकी बुवाई कर सकते हैं, जो गेहूं की उच्च उपज के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है।
उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता
HD 3086 किस्म अपने रोग प्रतिरोधक गुणों के कारण विशेष पहचान बना चुकी है। यह किस्म पीले और भूरे रतुए रोगों से सुरक्षित रहती है, जिससे उत्पादन में गिरावट नहीं आती। इसके कारण किसानों को अधिक लाभ मिलता है।
पकने का समय
HD 3086 किस्म का एक और महत्वपूर्ण गुण यह है कि यह समय पर पककर तैयार हो जाती है, जिससे किसान समय पर कटाई कर अगली फसल की तैयारी कर सकते हैं। यह किस्म उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों में 145 दिन में और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में 121 दिन में पक कर तैयार हो जाती है।
कृषकों के लिए विशेष सुझाव
HD 3086 गेहूं की बुवाई करते समय उन्नत खेती की तकनीकों का उपयोग करें।
इस किस्म की बुवाई और कटाई के समय सिंचाई और कीट प्रबंधन पर ध्यान दें ताकि अधिकतम उपज प्राप्त हो सके।
निजी और सहकारी बाजार में HD 3086 गेहूं की उपलब्धता
इस किस्म की बढ़ती मांग के चलते निजी और सहकारी बाजार में इसकी उपलब्धता को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है। हालांकि, सरकार और कृषि विभाग ने इसकी आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं ताकि किसानों को इसकी कमी का सामना न करना पड़े।