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धान की फसलों में फिटकरी का छिड़काव ? क्या दीमक और कीटों का करती है सफाया ? जाने कृषि वैज्ञानिक की राय 

धान की फसलों में फिटकरी का छिड़काव ? क्या दीमक और कीटों का करती है सफाया ? जाने कृषि वैज्ञानिक की राय 

Khet Tak : 8 August, New Delhi : इस बार किसानो की फसलो की बात की जाये तो किसानो ने धान की फसल की फसल पर अधिक जोर दिया है. इस बार धान की रोपाई अधिक हुई है. जो किसान पहले से ही धान की खेती करते थे वो किसान और इस बार नये किसानो ने भी मन बनाया है. इसका सबसे बड़ा कारण है कपास की खेती! कपास की खेती इसलिए है क्योंकि पिछली बार गुलाबी सुंडी के अटैक से किसानो को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ था और इस बार भी कपास भी कपास खेती में गुलाबी सुंडी का अटैक बताया गया था. जिसकी वजह से किसानो ने कपास की खेती छोड़ कर धान की खेती की तरफ मन बना लिया है. जो किसान इस बार धान की खेती में नये है उन किसानो को बहुत ज्यादा महनत करना पड़ रहा है. किसान धान की फसल में किट-पतंगो व् अन्य रोगों को खत्म करने के लिए फिटकरी का प्रयोग करना चाहते है . क्या वाक्य में ही फिटकरी के प्रयोग से किसानो को फायदा होगा ? तो आइये जानते है इस बारे में कृषि वैज्ञानिक क्या कहते है ?

धान की फसलो व् अन्य फसलो में फंगस और बैक्टीरिया जैसे भयानक रोगों से काफी नुकसान होता है. इनके संक्रमण से पौधों को बचाने के लिए फिटकरी बहुत मददगार साबित हो सकती है. फिटकरी को पानी में घोलकर प्रयोग करने से इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक गुण फंगस और बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करता है.

फिटकरी का उपयोग तो आपने खाने में जरूर किया होगा, लेकिन इसका इस्तेमाल खाने के अलावा खेती-बाड़ी में भी होता है. फिटकरी कई तरह के पौधों और फसलों के लिए काफी मददगार होती है. वहीं फिटकरी को फसलों का रामबाण माना जाता है. इसमें पोटेशियम सल्फेट और एल्युमिनियम सल्फेट का मिश्रण होता है. वहीं फिटकिरी में पाई जाने वाली खटास पौधों में सिट्रिक एसिड की कमी को पूरा करके फसल को स्वस्थ रखने में मदद करती है. इसे अंग्रेजी में alum कहा जाता है. दरअसल किसान इसका इस्तेमाल फसल उत्पादन में सुधार पाने के लिए भी कर सकते है. आइए जानते हैं कैसे कर सकते हैं फसलों में फिटकरी का उपयोग.

फंगस हटाने में फिटकरी का इस्तेमाल
पौधों को अक्सर फंगस और बैक्टीरिया जैसे भयानक रोगों से काफी नुकसान होता है. इनके संक्रमण से पौधों को बचाने के लिए फिटकरी बहुत मददगार होती है. फिटकरी को पानी में घोलकर प्रयोग करने से इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक गुण फंगस और बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करता है और पौधों को सुरक्षित रखता है.

फसलों में फिटकरी के फायदे
फिटकरी का उपयोग जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.
इसका इस्तेमाल पौधों में खाद का काम करता है.
फिटकरी फसलों में लगे कीटों को मारने का काम भी करती है
यह खेत के मिट्टी की ph मान को बरकरार रखने में मददगार होती है.
यह मिट्टी में लगने वाली दीमक और कीट को मारती है.

फसल उत्पादन में फिटकरी के लाभ
फिटकरी के उपयोग से फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है. इसके लिए आपको फिटकरी को बारीक़ पीसकर इसे खेत में अंतिम जुताई के समय मिट्टी में मिलाएं या पानी में इसका घोल तैयार करके सिंचाई में बूंद-बूंद करके डालना चाहिए. ऐसा करने से पौधों में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है. इससे पौधे मजबूत और हरे भरे होते हैं. वहीं फसल की उत्पादकता में भी बढ़ोतरी होती है.

धान के लिए फिटकरी है उपयोगी
धान की फसल में फिटकरी का इस्तेमाल करने से बहुत सारे फायदे होते हैं. धान की रोपाई करने से पहले खेत में फिटकरी का उपयोग करने से मिट्टी का पीएच मान बढ़ जाता है. साथ ही धान की फसल की अच्छी ग्रोथ होती है और फसलों में लगने वाले कीड़े-मकोड़े, कीट, दीमक से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा धान की फसल में कल्ले अधिक निकलते हैं और इससे फसल की अच्छी पैदावार होती है.

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