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किसान सावधान! डीएपी खाद का अत्यधिक उपयोग कर सकता है फसल और मिट्टी को नुकसान

डीएपी खाद का अत्यधिक उपयोग खेतों और फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। जानें इसके सही इस्तेमाल के तरीके और जैविक खाद के फायदे।

किसान सावधान। भारत में डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) खाद का उपयोग फसलों की बेहतर उपज के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। लेकिन कृषि विशेषज्ञों की मानें तो इसके अत्यधिक प्रयोग से खेतों की मिट्टी की उर्वरकता प्रभावित हो सकती है। सही मात्रा में उपयोग और वैकल्पिक जैविक खाद के इस्तेमाल से किसान अपने खेतों की गुणवत्ता को बनाए रख सकते हैं।

डीएपी खाद के फायदे और नुकसान

डीएपी का अत्यधिक उपयोग क्यों है हानिकारक?

  1. मिट्टी की उर्वरकता पर असर:
    डीएपी में भारी मात्रा में नाइट्रोजन और फॉस्फोरस होता है, जो अगर सही मात्रा में न उपयोग किया जाए तो मिट्टी का संतुलन बिगाड़ सकता है।
  2. फसल की गुणवत्ता पर प्रभाव:
    अत्यधिक डीएपी के कारण फसल की वृद्धि पर नकारात्मक असर हो सकता है।
  3. पर्यावरणीय नुकसान:
    इसका गलत उपयोग जल और भूमि प्रदूषण का कारण बन सकता है।

डीएपी का सही उपयोग कैसे करें?

मिट्टी जांच कराएं

डीएपी खाद का उपयोग करने से पहले किसानों को अपने खेत की मिट्टी की जांच करानी चाहिए। इससे पता चलेगा कि मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है और डीएपी की सही मात्रा कितनी होनी चाहिए।

जैविक खाद का विकल्प अपनाएं

विशेषज्ञों का कहना है कि जैविक खाद का उपयोग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और लागत घटाने में मदद करता है। जैविक खाद से फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है और यह पर्यावरण के अनुकूल होता है।

डीएपी के विकल्प 

कृषि वैज्ञानिकों का सुझाव है कि डीएपी की जगह एपीके (एडवांस्ड फॉस्फेटेड पोटाश) खाद का इस्तेमाल करें। एपीके खाद मिट्टी के लिए अधिक उपयुक्त है और फसल उत्पादन को बढ़ाने में सहायक है।

डीएपी और जैविक खाद की तुलना 

विशेषताडीएपी खादजैविक खाद
लागतअधिककम
पर्यावरणीय प्रभावप्रदूषण की संभावनापर्यावरण के अनुकूल
मिट्टी पर प्रभावउर्वरता घटा सकता हैउर्वरता बढ़ाता है

विशेषज्ञों की राय

कृषि विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को डीएपी खाद का उपयोग संतुलित मात्रा में करना चाहिए। जैविक खाद और अन्य वैकल्पिक खाद जैसे एपीके को अपनाने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ सकती है और लंबे समय तक खेतों की उत्पादकता बनाए रखी जा सकती है।

Sandeep Verma

नमस्ते, मैं संदीप कुमार । मैं 10 साल से लगातार पत्रकारिता कर रहा हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेत तक जुड़ी हर खबरें बताने का प्रयास करूँगा । मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर तकनीक और योजनाओ का लाभ प्राप्त कर सकें। ताजा खबरों के लिए आप खेत तक के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद

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