नोएडा एयरपोर्ट के पास सरकारी विभागों को मिलेगी जमीन, यमुना सिटी को मिलेगा विकास का बूस्ट
नोएडा एयरपोर्ट के पास सरकारी विभागों को मिलेगी जमीन, यमुना सिटी को मिलेगा विकास का बूस्ट
खेत तक, ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण ने नोएडा एयरपोर्ट के पास विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार के विभागों को कार्यालय और प्रशिक्षण संस्थानों के निर्माण के लिए जमीन आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस योजना के तहत कुल 9 सरकारी विभागों ने भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया है। यमुना सिटी में सरकारी विभागों की उपस्थिति न सिर्फ सरकारी सुविधाओं का विस्तार करेगी, बल्कि क्षेत्र में रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास को भी गति प्रदान करेगी।
नीति तैयार, जल्द होगा निर्णय
यमुना प्राधिकरण के सीईओ, डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि बोर्ड बैठक में केंद्रीय और राज्य सरकार के विभागों को जमीन आवंटित करने के प्रस्ताव को रखा जाएगा। इस नीति का उद्देश्य सरकारी सेवाओं और सुविधाओं को यमुना सिटी में विस्तारित करना है। इससे न सिर्फ सरकारी विभागों को अपने कार्यों के लिए स्थायी स्थान मिलेगा, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
इन विभागों ने किया आवेदन
जिन 9 विभागों ने भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया है, उनमें प्रमुख नाम हैं – सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, ईपीएफओ, गेल इंडिया लिमिटेड, यूपीएसआरटीसी, संचार मंत्रालय, डाक विभाग, और पीडब्ल्यूडी। इन विभागों ने 1 एकड़ से लेकर 120 एकड़ तक जमीन की मांग की है। सीआरपीएफ और सीआईएसएफ ने अपने प्रशिक्षण संस्थानों के लिए बड़ी मात्रा में जमीन की आवश्यकता बताई है, जबकि डाक विभाग और संचार मंत्रालय ने अपने कार्यालयों के विस्तार के लिए जमीन मांगी है।
यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास सरकारी विभागों की स्थापना से क्षेत्र में व्यापक स्तर पर विकास होगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और सरकारी सेवाओं की पहुंच में सुधार होगा। प्राधिकरण का मानना है कि इस कदम से यमुना सिटी को आर्थिक रूप से भी लाभ होगा और इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी से सुधार देखने को मिलेगा।
नोएडा एयरपोर्ट के पास सरकारी विभागों को जमीन आवंटित करने की यह योजना यमुना सिटी के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकारी संस्थानों की मौजूदगी से क्षेत्र में रोजगार, बुनियादी सुविधाएं और सरकारी सेवाओं का विस्तार होगा। इससे यमुना सिटी में न केवल आर्थिक वृद्धि होगी, बल्कि सरकारी सुविधाएं भी स्थानीय नागरिकों के लिए और अधिक सुलभ हो जाएंगी।