दारु (शराब) से झूमी फसल: किसानों को मिली दोगुनी पैदावार, कृषि वैज्ञानिक हुए चिंतित
क्या शराब का छिड़काव वाकई बढ़ा सकता है फसलों की पैदावार? जानें विशेषज्ञों की राय और किसानों के अनुभव
दारु (शराब) से झूमी फसल: किसानों को मिली दोगुनी पैदावार, कृषि वैज्ञानिक हुए चिंतित
क्या शराब का छिड़काव वाकई बढ़ा सकता है फसलों की पैदावार? जानें विशेषज्ञों की राय और किसानों के अनुभव
खेत तक : नई दिल्ली, 16 अगस्त, किसान भाइयो हम फसलों में अधिक पैदावार लेने के लिए तरह तरह के खाद-स्प्रे व् अन्य उपायों का प्रयोग करते है लेकिन फसलो में बजाय खर्चे के कुछ भी हाथ नहीं लगता है लेकिन कुछ किसानो ने अपनी फसलों में शराब का छिडकाव कर डबल पैदावार ली है।
अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ किसानों ने हाल ही में एक अनोखा प्रयोग किया है जिसमें उन्होंने अपनी फसलों पर शराब का छिड़काव किया। इस असामान्य विधि से न केवल उनकी फसलों की पैदावार में वृद्धि देखी गई, बल्कि यह खबर किसानों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। हालांकि कृषि वैज्ञानिकों ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और किसानों को चेतावनी दी है। आइए जानते हैं यह पूरा मामला क्या है और इस प्रयोग के पीछे क्या तर्क हैं।
किसानों का दावा शराब से होती है दोगुनी पैदावार
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ किसानों ने दावा किया है कि उन्होंने अपनी फसलों पर शराब का छिड़काव किया, जिससे उनकी पैदावार दोगुनी हो गई। खासकर मध्य प्रदेश के किसानों ने बताया कि मूंग की फसल पर शराब का छिड़काव करने से कीड़े-मकोड़े मर गए और फसल की पैदावार में वृद्धि देखी गई। इसी तरह उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी आलू की फसल पर शराब का इस्तेमाल किया और उन्होंने बताया कि इससे उनकी फसल की गुणवत्ता और पैदावार में सुधार हुआ है।
कैसे किया गया शराब का छिड़काव?
किसानों ने शराब का उपयोग कीटनाशक की तरह किया। जब अन्य कीटनाशक फसलों पर छिड़के जाते हैं, तो उनकी तीव्र गंध और रासायनिक प्रभाव से कभी-कभी किसानों की तबीयत खराब हो जाती है। इसके विपरीत, शराब के छिड़काव से ऐसी कोई समस्या नहीं आई। किसानों का कहना है कि शराब के उपयोग से फसलों में नशा जैसा प्रभाव हुआ, जिससे उन्होंने अधिक उत्पादन दिया।
कृषि वैज्ञानिकों की चेतावनी, शराब के उपयोग से होता है नुकसान
हालांकि कृषि वैज्ञानिक इस प्रयोग को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि फसलों पर शराब का छिड़काव करने से किसी भी प्रकार का वास्तविक लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा यदि किसान शराब के साथ कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं, तो यह एक खतरनाक केमिकल रिएक्शन पैदा कर सकता है, जो फसल और किसानों दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मूंग और आलू जैसी फसलों पर शराब का उपयोग बिल्कुल भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सही नहीं है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे इस प्रकार के अनविज्ञानी प्रयोगों से बचें और पारंपरिक एवं वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित तरीकों का ही उपयोग करें।
शराब का उपयोग फायदे या नुकसान?
किसानों के अनुभवों और कृषि वैज्ञानिकों की राय में एक बड़ा अंतर है। जहां कुछ किसानों ने इसे लाभकारी बताया, वहीं विशेषज्ञ इसे खतरनाक मानते हैं। यह मामला उन तरीकों का एक उदाहरण है, जहां बिना वैज्ञानिक प्रमाण के किए गए प्रयोग कभी-कभी नुकसानदायक साबित हो सकते हैं।
कृषि वैज्ञानिकों का सुझाव है कि फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए केवल वे विधियां अपनाई जाएं, जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रमाणित हों और किसानों के लिए सुरक्षित हों।