मॉनसून 2024: अभी तो और बरसेगा मॉनसून, किसानों की चिंताएं बढ़ीं, फसलों पर मंडराया खतरा
मॉनसून 2024: अभी तो और बरसेगा मॉनसून, किसानों की चिंताएं बढ़ीं, फसलों पर मंडराया खतरा
खेत तक, नई दिल्ली, इस साल मॉनसून ने देशभर में जमकर बरसात की है जिससे फसलों को लाभ मिलने की उम्मीद थी। लेकिन एक नई रिपोर्ट ने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मॉनसून की वापसी इस बार देरी से हो सकती है, जिससे धान और अन्य खरीफ फसलों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
मॉनसून की शुरुआत जून 2024 में धीमी रही लेकिन जुलाई में बारिश की रफ्तार तेज हो गई, जो अब अगस्त में भी जारी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार अब तक देशभर में सामान्य से 7% अधिक बारिश हो चुकी है, जबकि मध्य भारत में यह आंकड़ा 17% अधिक है। हालांकि, पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में बारिश सामान्य से कम रही है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, मॉनसून की वापसी इस साल देरी से हो सकती है, जिससे फसलों को पकने के दौरान अतिरिक्त बारिश का सामना करना पड़ सकता है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में IMD के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि सितंबर में देश में कम दबाव का सिस्टम बनने से मॉनसून की वापसी में देरी हो सकती है।
मॉनसून की वापसी में देरी होने पर सबसे ज्यादा असर धान, कपास, सोयाबीन, मक्का और दालों जैसी खरीफ फसलों पर पड़ सकता है। सितंबर के मध्य से फसलें पकने लगती हैं, और ऐसे में अधिक बारिश से फसलों को नुकसान हो सकता है। धान जैसी फसलों के लिए यह समय विशेष रूप से संवेदनशील होता है, और अधिक नमी से फसलें खराब हो सकती हैं।
हालांकि, बारिश से जमीन की नमी बढ़ेगी, जिससे रबी फसलों, खासकर गेहूं, की बुवाई में फायदा हो सकता है। लेकिन फिर भी, सितंबर में होने वाली बारिश का पैटर्न खरीफ फसलों की पैदावार और अगली फसल की बुवाई दोनों पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है।
भारत में मॉनसून जून की शुरुआत से सक्रिय हो जाता है, और जुलाई के पहले हफ्ते तक यह पूरे देश को कवर कर लेता है। आमतौर पर, मॉनसून की वापसी सितंबर के मध्य से शुरू होती है और अक्टूबर के मध्य तक मॉनसून का सीजन समाप्त हो जाता है। लेकिन इस बार, मॉनसून की वापसी में देरी की संभावना है, जो सितंबर के अंत तक खिंच सकती है।