पशुओं का दूध नही बढ़ रहा है कही आपके पशुओं के पेट में कीड़े तो नही, जानिए बचाव के उपाय और सही देखभाल
पशु सामान्य से कमजोर दिखाई देने लगते हैं, और उनका वजन कम होने लगता है।
पशुओं का दूध नही बढ़ रहा है कही आपके पशुओं के पेट में कीड़े तो नही, जानिए बचाव के उपाय और सही देखभाल
पशुपालन एक आर्थिक सहारा है, और पशुओं का सही स्वास्थ्य बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण होता है। अक्सर देखा गया है कि पशुओं के पेट में कीड़े होना एक सामान्य समस्या है, लेकिन अगर इसे समय पर पहचानकर इलाज नहीं किया जाए, तो ये उनके स्वास्थ्य और उत्पादकता पर गहरा असर डाल सकते हैं। आइए जानते हैं, पशुओं के पेट में कीड़े होने के लक्षण, बचाव के उपाय और कैसे हम इस समस्या से उन्हें सुरक्षित रख सकते हैं।
कीड़ों से प्रभावित पशुओं के लक्षण
कमजोरी और वजन घटने लगना
पशु सामान्य से कमजोर दिखाई देने लगते हैं, और उनका वजन कम होने लगता है।
मिट्टी खाना
अगर पशु बार-बार मिट्टी खाने की कोशिश करें, तो ये संकेत हो सकता है कि उनके पेट में कीड़े हैं।
दस्त और बदबूदार मल
मटमैला रंग का दस्त आना या गोबर में कीड़े दिखना, इसके गंभीर लक्षणों में शामिल है।
दूध उत्पादन में कमी
दुधारु पशु दूध देना कम कर देते हैं।
खून की कमी
खून की कमी होने से पशुओं में सुस्ती और शारीरिक कमजोरी महसूस होने लगती है।
कीड़ों से बचाव के उपाय
हर तीन महीने में पशुओं को डीवर्मिंग की दवा जैसे ‘डीवेरमैक्स’ देना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे कि दवा देने से पहले गोबर की जांच अवश्य कराएं।वैक्सीनेशन से पहले आंतों में कीड़े मारने की दवा जरूर दें, ताकि पशुओं की प्रतिरक्षा मजबूत बनी रहे।
पशुओं को साफ और शुद्ध चारा एवं दाना दें, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार हो और कीड़ों से बचाव हो सके। पशुओं के लिए स्वच्छ और ताजे पानी की व्यवस्था करें, ताकि उनसे कोई संक्रमण न फैले।
पशुओं के पेट में कीड़े होना एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन अगर इसे सही समय पर पहचाना और रोका जाए, तो इससे न केवल पशुओं का स्वास्थ्य सुधरता है बल्कि पशुपालकों को भी आर्थिक लाभ होता है। नियमित टीकाकरण, स्वच्छ आहार और समय-समय पर दवा देने से इस समस्या से काफी हद तक निपटा जा सकता है।