वायरल

घर के मंदिर में भूलकर भी न रखें ये 4 प्रकार की मूर्तियां, बिगड़ जाता है परिवार का संतुलन

जानें घर के मंदिर में कौन सी मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए और कैसे वास्तु शास्त्र के अनुसार गलतियों से बचकर परिवार की सुख-शांति और समृद्धि सुनिश्चित की जा सकती है।

घर के मंदिर में भूलकर भी न रखें ये 4 प्रकार की मूर्तियां, बिगड़ जाता है परिवार का संतुलन

खत तक, नई दिल्ली, हिंदू धर्म में घर का पूजा स्थल विशेष महत्व रखता है। यह वह पवित्र स्थान होता है, जहां परिवार के लोग शांति और सकारात्मकता के लिए भगवान की आराधना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर पूजा घर में कुछ खास प्रकार की मूर्तियां या वस्तुएं रखी जाती हैं, तो इससे परिवार की सुख-शांति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में पूजा स्थान का सही दिशा और उसमें रखी जाने वाली मूर्तियों का उचित चयन बेहद महत्वपूर्ण है। अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा जाता, तो परिवार के लोगों को मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह और अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि कौन सी मूर्तियों को घर के मंदिर में नहीं रखना चाहिए और इससे कैसे बचा जा सकता है।

1. एक ही भगवान की एक से अधिक मूर्तियां
घर के मंदिर में एक ही भगवान की दो या उससे अधिक मूर्तियां रखना वास्तु शास्त्र के अनुसार अशुभ माना जाता है। विशेषकर, गणेश जी की एक से अधिक प्रतिमा रखने से शुभ कार्यों में बाधाएं आने लगती हैं। परिवार में कलह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए मंदिर में एक ही भगवान की एक ही प्रतिमा या चित्र रखना चाहिए।

2. बड़ी मूर्तियों का न हो प्रयोग
घर के मंदिर में ज्यादा बड़ी मूर्तियां रखना वास्तु दोष पैदा कर सकता है। विशेषकर, शिवलिंग का आकार अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए। शिवलिंग का अत्यधिक बड़ा आकार घर के वातावरण में असंतुलन पैदा कर सकता है, इसलिए मंदिर में छोटा-सा शिवलिंग रखने की ही सलाह दी जाती है।

3. खंडित मूर्तियां तुरंत हटाएं
यदि घर के मंदिर में कोई मूर्ति खंडित हो जाए, तो उसे तुरंत पूजा स्थल से हटा देना चाहिए। खंडित मूर्तियों की पूजा करना शास्त्रों के अनुसार वर्जित है, और इसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। खंडित मूर्तियों से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो घर के माहौल को प्रभावित कर सकती है।

4. मंदिर के ऊपर या पास में न हो शौचालय
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर के ऊपर या पास शौचालय का होना अशुभ माना जाता है। इससे पूजा का सकारात्मक प्रभाव नहीं मिलता और नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। अगर मंदिर के पास शौचालय हो तो उससे जुड़ी जगहों को अलग रखें या वास्तु उपाय करें।

घर के मंदिर को लेकर अन्य वास्तु नियम
मंदिर हमेशा ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पूजा घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मुरझाए फूलों और धूल को समय-समय पर हटाना आवश्यक है, ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।

किचन में मंदिर बनाने से भी बचना चाहिए क्योंकि किचन में अग्नि का तत्व होता है, जो पूजा की शांति और सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित करता है।

सही पूजा स्थल और मूर्ति चयन से परिवार को मिलेगा सुख-शांति
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सही दिशा में पूजा स्थल और सही प्रकार की मूर्तियों का चयन करना घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने का मुख्य साधन है। इसलिए पूजा घर की व्यवस्था करते समय इन महत्वपूर्ण बिंदुओं का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

Sandeep Verma

नमस्ते, मैं संदीप कुमार । मैं 10 साल से लगातार पत्रकारिता कर रहा हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेत तक जुड़ी हर खबरें बताने का प्रयास करूँगा । मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर तकनीक और योजनाओ का लाभ प्राप्त कर सकें। ताजा खबरों के लिए आप खेत तक के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button