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ICRISAT : फिलीपींस के कृषि अधिकारियों का भारत दौरा: ICRISAT की परियोजनाओं से सीखने का मिलेगा मौका

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ICRISAT : फिलीपींस के कृषि अधिकारियों का भारत दौरा: ICRISAT की परियोजनाओं से सीखने का मिलेगा मौका

खेत तक, नई दिल्ली, 17 अगस्त 2024 – फिलीपींस के कृषि अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल हाल ही में भारत में स्थित इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) की विभिन्न परियोजनाओं का दौरा करने आया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य जलवायु-स्मार्ट कृषि विधियों और जल एवं मृदा प्रबंधन तकनीकों को समझना और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना था।

झांसी में दौरे की शुरुआत: प्रोग्रेसिव बुंदेलखंड किसान उत्पादक कंपनी
प्रतिनिधिमंडल ने अपने दौरे की शुरुआत उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के तहरौली तहसील के नोटा गांव से की। यहां उन्होंने ‘प्रोग्रेसिव बुंदेलखंड किसान उत्पादक कंपनी’ (FPC) के सदस्यों से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान ICRISAT के प्रधान वैज्ञानिक और क्लस्टर प्रमुख डॉ. रमेश सिंह ने क्षेत्र की मृदा और जल प्रबंधन की चुनौतियों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया। ICRISAT स्थानीय किसानों को संगठित कर उन्हें FPOs (किसान उत्पादक संगठन) और FPCs के रूप में गठित कर रहा है, जिससे किसानों को अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिल सके।

ओडिशा: महिला स्वयं सहायता समूहों की सराहनीय पहल
प्रतिनिधिमंडल ने ओडिशा में भी दौरा किया, जहां उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों की गतिविधियों को करीब से देखा। इन समूहों द्वारा सालाना 100,000 पौध तैयार करने वाले बौने नारियल नर्सरी, सजावटी नर्सरी और मधुमक्खी पालन जैसे उद्यम चलाए जा रहे हैं। ये समूह महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित कर रहे हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में एक सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।

हैदराबाद में ICRISAT मुख्यालय का दौरा
दौरे के अंतिम चरण में 19-26 जुलाई 2024 के बीच प्रतिनिधिमंडल ने हैदराबाद, तेलंगाना में स्थित ICRISAT के मुख्यालय का दौरा किया। यहां उन्होंने जीनबैंक, एग्रोमेट लैब, और लिविंग लैब जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं का अवलोकन किया। ICRISAT के उप महानिदेशक-रिसर्च, डॉ. स्टैनफोर्ड ब्लेड ने इस दौरे को ज्ञान आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण अवसर बताया और एशिया व अफ्रीका में सूखा प्रभावित कृषि चुनौतियों का सामना करने के लिए ICRISAT की नवाचारी रणनीतियों की सफलता को उजागर किया।

फिलीपींस के अधिकारियों के विचार
फिलीपींस के कृषि अनुसंधान ब्यूरो की वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक क्रिस थिया मैरी हर्नांडेज़ ने इस दौरे को बेहद उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने जो कुछ भी सीखा है, उसे वे अपने स्थानीय समुदायों, विशेष रूप से वर्षा आधारित क्षेत्रों में लागू करेंगे। यह सीखना न केवल कृषि उत्पादन में सुधार करेगा बल्कि उनके देश की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।

क्रॉस-लर्निंग के महत्व पर जोर
ICRISAT के विकास केंद्र के क्लस्टर प्रमुख और प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रमेश सिंह ने इस दौरे को महत्वपूर्ण बताते हुए क्रॉस-लर्निंग के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत और फिलीपींस दोनों देशों के पास एक-दूसरे से सीखने के लिए बहुत कुछ है, खासकर फिलीपींस की उच्च नारियल उत्पादन की संभावनाओं से भारत को लाभ हो सकता है।

इस दौरे ने न केवल ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया बल्कि दोनों देशों के बीच कृषि संबंधों को भी मजबूती प्रदान की। यह दौरा उन सभी पहलुओं पर केंद्रित था, जो एशिया और अफ्रीका में कृषि चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं।

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