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Haryana Milk Producers Subsidy : हरियाणा में दूध उत्पादकों को मिलेगा बड़ा तोहफा: 15 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी का ऐलान

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वतंत्रता दिवस पर किया बड़ा ऐलान, छोटे किसानों और ग्रामीण युवाओं के लिए योजनाओं की सौगात

Haryana Milk Producers Subsidy : हरियाणा में दूध उत्पादकों को मिलेगा बड़ा तोहफा: 15 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी का ऐलान

खेत तक, चंडीगढ़, 17 अगस्त 2024: हरियाणा के दूध उत्पादकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य के 35,000 दूध उत्पादकों को 15.59 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान करने का ऐलान किया है। इस योजना का उद्देश्य राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना और छोटे किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत यह सब्सिडी अप्रैल, मई, और जून 2024 के लिए वितरित की गई है। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस योजना के तहत पंजीकृत दूध सप्लायर्स का बीमा प्रीमियम भी अब राज्य सरकार वहन करेगी। इस कदम से राज्य के दूध उत्पादकों को आर्थिक रूप से राहत मिलेगी और उनकी आय में वृद्धि होगी।

हरियाणा सरकार ने पिछले वित्तीय वर्षों में भी दुग्ध उत्पादकों को सब्सिडी प्रदान की है। 2022-23 के लिए 32.51 करोड़ रुपये और 2023-24 के लिए 39.37 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की गई थी। इस वर्ष, 2024-25 के लिए, अंत्योदय परिवारों को प्रति लीटर दूध पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है। इस वित्तीय वर्ष के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो राज्य के दुग्ध उत्पादन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

हरियाणा मुर्राह नस्ल की भैंसों और हरियाणा नस्ल की गायों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। राज्य में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 1098 मिलीलीटर है, जो राष्ट्रीय औसत 459 मिलीलीटर से कहीं अधिक है। मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि राज्य में 3,300 सहकारी दुग्ध समितियों का नेटवर्क है, जो राज्य में दूध संग्रहण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अतिरिक्त, राज्य में 6 दूध प्रसंस्करण संयंत्र हैं जिनकी दैनिक प्रसंस्करण क्षमता 9.45 लाख लीटर है।

राज्य सरकार ने छोटे किसानों और ग्रामीण युवाओं के लिए हाई-टेक और मिनी डेयरी योजना चलाई है। इस योजना के तहत, 10 दुग्ध पशुओं तक की मिनी डेयरी स्थापित करने के लिए पशुओं की लागत पर 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। अनुसूचित जातियों के लिए 2 या 3 पशुओं की डेयरी स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त, देशी गायों की नस्लों की खरीद पर भी 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।

हरियाणा में वीटा सहकारी आंदोलन का उत्कृष्ट उदाहरण है। वीटा उत्पादों को लगभग 300 वितरकों और विभिन्न संस्थानों के माध्यम से बेचा जा रहा है, जिससे राज्य के युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पशुपालन के लिए पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना भी चलाई जा रही है, जिसके तहत 1.60 लाख रुपये तक के ऋण बिना गारंटी के दिए जाते हैं।

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए, राज्य सरकार देशी गायों को रखने वाले किसानों को प्रति गाय 30,000 रुपये का वार्षिक अनुदान दे रही है। इसके साथ ही, 20 या अधिक दुग्ध पशुओं के साथ हाई-टेक डेयरी स्थापित करने के लिए ब्याज अनुदान भी दिया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य में 13,480 डेयरियां स्थापित की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार देशी गायों की नस्लों के संरक्षण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। कैथल, झज्जर, करनाल, और महेंद्रगढ़ जिलों में 37 करोड़ रुपये की लागत से चार गोवंश प्रजनन और अनुसंधान केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जो भविष्य में दुग्ध उत्पादन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

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