Haryana : हरियाणा राज्य में खरीफ फसलों की खरीद के लिए व्यापक तैयारियां: किसानों को मिलेगा आसान और सुगम खरीद अनुभव
Haryana : हरियाणा राज्य में खरीफ फसलों की खरीद के लिए व्यापक तैयारियां: किसानों को मिलेगा आसान और सुगम खरीद अनुभव
खेत तक, चंडीगढ़, 27 अगस्त 2024, हरियाणा: हरियाणा राज्य में खरीफ फसलों की खरीद के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। राज्य सरकार किसानों के लिए इस प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में हरियाणा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. सुमिता मिश्रा ने हाल ही में विभिन्न विभागों और संस्थाओं के प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में खरीफ फसलों की खरीद के लिए किए गए इंतजामों का जायजा लिया गया और उन्हें सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए।
बैठक के दौरान खरीफ फसलों की खरीद से संबंधित विभिन्न व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इनमें लकड़ी की चौखट, बोरियों की उपलब्धता, भंडारण क्षमता और परिवहन से संबंधित मुद्दे शामिल थे। डॉ. मिश्रा ने चावल मिलों के प्रमुखों को आश्वासन दिया कि आगामी खरीफ खरीद सीजन के दौरान उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
डॉ. मिश्रा ने यह भी बताया कि किसानों द्वारा ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकरण के बाद उनकी फसलों की खरीद और भुगतान का पूरा कार्य ऑनलाइन ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। यह प्रणाली पूरी तरह से पारदर्शी होगी, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
राज्य के लिए निर्धारित खरीद लक्ष्य
हरियाणा राज्य में खरीफ खरीद सीजन 2024-25 के दौरान धान के लिए 241, बाजरा के लिए 91, मक्का के लिए 19, मूंग के लिए 38, मूंगफली के लिए 7, तिल के लिए 27, अरहर के लिए 22 और उड़द के लिए 10 खरीद केंद्र खोले गए हैं। राज्य सरकार ने केन्द्रीय पूल में 1.52 लाख टन बाजरा और राज्य पूल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए 2.31 लाख टन बाजरा सहित कुल 3.83 लाख टन बाजरा खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही लगभग 60 लाख टन धान की खरीद का भी लक्ष्य तय किया गया है।
किसानों के लिए सहायता और जानकारी
किसानों की सुविधा के लिए हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, पंचकूला के कार्यालय में एक हेल्पलाइन नंबर (1800-180-2600) स्थापित किया गया है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से किसान अपनी समस्याओं और सवालों का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और किसानों की सुविधा को प्राथमिकता दी गई है, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। राज्य सरकार के इन प्रयासों से किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।