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किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा: यूपी सरकार मुफ्त में बांटेगी 7.5 लाख बायो डीकंपोजर, पराली से बनेगी खाद

यूपी सरकार 7.5 लाख बायो डीकंपोजर किसानों को मुफ्त में बांटेगी, जिससे पराली जलाने की समस्या का समाधान होगा और मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी। जानिए पूरी योजना के बारे में।

किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा: यूपी सरकार मुफ्त में बांटेगी 7.5 लाख बायो डीकंपोजर, पराली से बनेगी खाद

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मुफ्त में बायो डीकंपोजर दिए जाएंगे, जिससे खेतों की मिट्टी होगी उपजाऊ और वायु प्रदूषण में आएगी कमी। जानिए योजना के बारे में विस्तार से।

पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को 7.5 लाख बायो डीकंपोजर मुफ्त में बांटे जाएंगे, जिससे किसान फसल अवशेष को खाद में बदलकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ा सकेंगे। यह पहल किसानों को पराली जलाने से रोकने और उन्हें वैकल्पिक संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की जा रही है।

बायो डीकंपोजर एक ऐसा उत्पाद है जो खेतों में फसल अवशेषों, खासकर पराली को आसानी से सड़ाकर खाद में बदल देता है। इसके इस्तेमाल से पराली 15 से 20 दिनों के भीतर गलने लगती है और यह धीरे-धीरे जैविक खाद का रूप ले लेती है। इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है और वायु प्रदूषण कम होता है, जो पराली जलाने से होने वाली प्रमुख समस्याओं में से एक है।

पराली से बनेगी खाद 

बायो डीकंपोजर का उपयोग सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं है। सरकार ने पराली के सिलिका कंटेंट को देखते हुए इसे गोशालाओं के चारे में मिश्रित करने की योजना बनाई है। इसके तहत, कुल चारे की 25% मात्रा में पराली का उपयोग किया जाएगा। इस साल का लक्ष्य है कि कम से कम 20,000 टन पराली को निराश्रित गोशालाओं में भेजा जाए, जिससे चारे की लागत भी कम होगी और पराली का बेहतर उपयोग हो सकेगा।

कृषि विभाग की पहल  

कृषि विभाग ने जिला कृषि अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन किसानों को बायो-डीकंपोजर वितरित किया जाए, उनकी सूची तैयार की जाए। इससे भविष्य में और अधिक किसानों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा। साथ ही, विभाग ने किसानों को पराली जलाने से बचने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं।

पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने पराली जलाने पर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यदि कोई किसान पराली जलाता है, तो उसे 15,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इस जुर्माने का उद्देश्य किसानों को जागरूक करना और उन्हें पराली जलाने के बजाय उसे जैविक खाद में बदलने के लिए प्रेरित करना है।

क्यों जरूरी है बायो डीकंपोजर का उपयोग?

बायो डीकंपोजर का उपयोग न केवल मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है, बल्कि यह एक स्थायी कृषि पद्धति को भी प्रोत्साहित करता है। उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे बायो डीकंपोजर का उपयोग कर अपनी फसलों की गुणवत्ता में सुधार करें और सरकार द्वारा दी जा रही इस मुफ्त सुविधा का लाभ उठाएं।

Sandeep Verma

नमस्ते, मैं संदीप कुमार । मैं 10 साल से लगातार पत्रकारिता कर रहा हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेत तक जुड़ी हर खबरें बताने का प्रयास करूँगा । मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर तकनीक और योजनाओ का लाभ प्राप्त कर सकें। ताजा खबरों के लिए आप खेत तक के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद

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