साधारण परिवार की यह महिला कमाती है एक एकड़ अनार की खेती से 30 लाख रूपये, जानिए क्या है इनके पास ऐसा जादू
राजस्थान की एक महिला किसान कैसे अनार की खेती से लाखों की कमाई कर रही हैं, जानिए उनके संघर्ष और सफलता की पूरी कहानी।
साधारण परिवार की यह महिला कमाती है एक एकड़ अनार की खेती से 30 लाख रूपये, जानिए क्या है इनके पास ऐसा जादू
राजस्थान की एक महिला किसान कैसे अनार की खेती से लाखों की कमाई कर रही हैं, जानिए उनके संघर्ष और सफलता की पूरी कहानी।
खेत तक, जयपुर, कहते है की कुछ कर दिखाने की अगर मन में हो तो उसे बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी नहीं रोक सकती है। ऐसा ही कुछ राजस्थान के सीकर जिले के बेरी गांव की संतोष ने साबित कर दिखाया है। अगर आप भी ठान ले तो आपको को भी बड़ी से बड़ी मुश्किलें रोक नहीं सकती।
साधारण परिवार में रहने वाली संतोष अनार की खेती से अपने एक एकड़ खेत से 30 लाख रुपये तक की कमाई साल भर में करती है। यह सफलता उनका खेती के प्रति उनके जुनून व कठिन परिश्रम का परिणाम है।
अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें की संतोष केदार का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने 1990 में दसवीं तक पढ़ाई की इसके बाद उनकी शादी हो गई। परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी न होने की वजह से संतोष ने खेती में रुचि रखना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी भैंस बेचकर ट्यूबवेल लगवाया और खेती शुरू की। अनार की खेती करने का विचार उनके मन में तब आया जब गेहूं और सब्जियों की खेती से उन्हें आमदनी नहीं हो रही थी।
संतोष ने 2008 में अपने खेत में 220 अनार के पौधे लगाए। शुरुआत में उन्होंने पांच साल तक इंजन सेट से ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगवाया ताकि पौधों को आवश्यकता अनुसार पानी मिल सके। संतोष ने बताया की उन्हें पहली फसल 2011 में आई जिससे उन्हें तीन लाख रुपये की आमदनी हुई। धीरे-धीरे उनकी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ता गया। आज उनके एक पौधे से औसतन 50 किलो फल मिलता है, और एक किलो अनार की कीमत 100 रुपये है।
संतोष केदार ने बताया की वह शुरू से ही जैविक खेती करती हैं जिससे उनके अनार का स्वाद और गुणवत्ता बेजोड़ होती है। उनका उत्पादन बाजार में सीधे बिक जाता है उन्हें बाहर बेचने की जरूरत नहीं पड़ती है। उन्होंने बताया कि जैविक अनार का मोटा छिलका और लंबे समय तक ताजा रहता, ये ही उनकी सबसे बड़ी खासियत है।
संतोष ने बताया की वह सिर्फ अनार की खेती ही नहीं बल्कि उन्होंने अपनी नर्सरी भी शुरू की है। इसमें मौसमी और सेब के पेड़ भी लगाए गए हैं। उनकी नर्सरी से भी सालाना 15 लाख रुपये तक की कमाई होती है। संतोष ने किसानो को नसीयत देते हुए बताया की किसान को नई तकनीकों का इस्तेमाल करके अपनी आमदनी बढ़ानी चाहिए।
साथ ही शुरुआत में गांव वालों ने उनके ड्रिप सिंचाई सिस्टम और अनार की खेती पर सवाल उठाए। लेकिन संतोष ने हार नहीं मानी और अपने फैसले पर डटी रहीं। आज वही लोग उनकी सफलता की मिसाल देते हैं। संतोष का मानना है कि खेती में धैर्य और मेहनत से ही सफलता मिलती है।