success story : 26 लाख की नौकरी छोड़ी, अब नींबू की खेती से कमा रहे हैं 48 लाख महीना! जाने क्या है किसान लेखराम का जादू
Success story: Left job worth Rs 26 lakh, now earning Rs 48 lakh per month from lemon farming! Know what is the magic of farmer Lekhram
success story : 26 लाख की नौकरी छोड़ी, अब नींबू की खेती से कमा रहे हैं 48 लाख महीना! जाने क्या है किसान लेखराम का जादू
success story : खेत तक, 10 सितम्बर, राजस्थान के कोटपूतली के युवा किसान लेखराम यादव ने बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर्स करने के बाद 26 लाख रुपये के पैकेज वाली नौकरी छोड़ दी और अब वे नींबू की खेती कर प्रतिमाह 48 लाख रुपये तक कमा रहे हैं। लेखराम की 350 एकड़ की खेती में हर दिन लगभग 1,200-1,400 किलोग्राम नींबू का उत्पादन हो रहा है। उनका नींबू पूरी तरह केमिकल फ्री है, जिससे उन्हें बाजार में 160 रुपये प्रति किलो तक की दर मिलती है। आइए जानते हैं लेखराम की इस खेती के सफर की कहानी, जिसमें उन्होंने टीसीबीटी तकनीक का सहारा लेकर ऑर्गेनिक खेती में नई ऊंचाइयों को छुआ है।
लेखराम यादव ने बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर्स किया और दिल्ली-एनसीआर में जॉब कर रहे थे। महानगरों के प्रदूषित माहौल और नौकरी के तनाव से बचने के लिए उन्होंने गांव में ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत की। लेखराम बताते हैं कि शुरू से ही उनका सपना था कि रिटायरमेंट के बाद उनका खुद का फार्म हो। उन्होंने गुरुजी ताराचंद बेल जी की टीसीबीटी (ऊर्जा आधारित) टेक्नोलॉजी का उपयोग कर जैविक खेती में कदम रखा।
350 एकड़ में फैला है ऑर्गेनिक फार्म
लेखराम का फार्म राजस्थान के चार जिलों में फैला है – जयपुर, कोटपूतली, नागौर और जैसलमेर। जयपुर के फार्म में नींबू, वेजिटेबल्स, और अन्य हर्बल खेती की जाती है, जबकि नागौर और जैसलमेर में क्यूमिन, अश्वगंधा और अन्य स्पाइसेज की खेती होती है।
तीन खास नींबू की वैरायटी
लेखराम ने अपने फार्म में तीन खास वैरायटी – कोलकाता पट्टी, एम 70, और 12 मासी नींबू लगाई हैं। ये नींबू की वैरायटीज़ इस तरह की हैं कि इन्हें कभी भी हार्वेस्ट किया जा सकता है और जरूरत पड़ने पर पेड़ पर ही 2 महीने तक स्टोर किया जा सकता है। इससे मार्केट रेट के मुताबिक सही समय पर बिक्री की जा सकती है।
पूरी तरह केमिकल फ्री खेती
लेखराम अपने फार्म में केमिकल की जगह गोवर्धन खांद और जीवाणु खाद जैसे ऑर्गेनिक तरीकों का उपयोग करते हैं। वे बताते हैं कि साल में दो बार पौधों को विशेष प्रकार के जैविक खाद से पोषण दिया जाता है। सिंचाई ड्रिप के जरिए की जाती है और इसके लिए बोरवेल का उपयोग होता है।
मार्केटिंग और मुनाफा
नींबू की मार्केटिंग के लिए लेखराम ने शुरू में दिल्ली-एनसीआर के ऑर्गेनिक स्टोर्स का सहारा लिया। अब उनका प्रोडक्ट बड़े ऑनलाइन पोर्टल्स जैसे मेट्रो और स्विग्गी के जरिए भी बिकता है। नींबू की मार्केट कीमत 160 रुपये प्रति किलो तक जाती है, जिससे लेखराम की प्रतिदिन की कमाई लगभग 1.6 लाख रुपये है।
ऑर्गेनिक खेती का संदेश
लेखराम का संदेश है कि केमिकल फ्री खेती न सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी है। वे युवा किसानों को टीसीबीटी तकनीक से खेती करने की सलाह देते हैं ताकि वे प्रकृति के साथ जुड़कर बेहतर उत्पादन कर सकें।
लेखराम यादव की यह कहानी उन सभी के लिए प्रेरणादायक है जो खेती को नई दृष्टि से देखना चाहते हैं। ऑर्गेनिक और केमिकल फ्री खेती से करोड़ों की कमाई का यह सफर बताता है कि सही तकनीक और जुनून के साथ खेती भी एक सफल और लाभदायक करियर बन सकती है।