Soybean Cultivation : सोयाबीन की खेती की कैसे करें ? वैरायटी, खाद, स्प्रे और बेहतर उत्पादन से लेकर A to Z पूरी जानकारी
Soybean Cultivation: How to cultivate soybean? Complete information from A to Z about variety, fertilizer, spray and better production.
Soybean Cultivation : सोयाबीन की खेती की कैसे करें ? वैरायटी, खाद, स्प्रे और बेहतर उत्पादन से लेकर A to Z पूरी जानकारी
Soybean Cultivation : Khet Tak, New Delhi, 7 september. सोयाबीन की खेती में पिछले कुछ वर्षों में उत्पादन और मौसम संबंधी समस्याएं सामने आई हैं। किसान अब मक्का जैसी फसलों को प्राथमिकता देने लगे हैं। हालाँकि, अगर सही विधियों और तकनीकों का पालन किया जाए, तो सोयाबीन की खेती में बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इस लेख में हम A to Z जानकारी देंगे कि सोयाबीन की खेती कैसे करें, कौन सी वैरायटी लगाएं, कौन से स्प्रे और खाद का प्रयोग करें, और कैसे पैदावार बढ़ाएं।
सोयाबीन की प्रमुख वैरायटी
ग्रीन गोल्ड 3344 – यह 105 दिनों में तैयार होती है।
JS 2172 – यह 95 दिनों में तैयार होती है।
RVS M 1135 – यह 105 दिनों में तैयार होती है।
ब्लैक बोल्ड – यह 95 से 98 दिनों में तैयार होती है।
KD 726 (फूले संगम) – यह 115 दिनों में तैयार होती है।
यदि आपके क्षेत्र में बरसात कम होती है या सिंचाई की व्यवस्था नहीं है, तो जल्दी तैयार होने वाली वैरायटी का चयन करें। लेकिन यदि सिंचाई और मिट्टी की स्थिति अच्छी है, तो 110-115 दिनों वाली वैरायटी का चुनाव बेहतर होगा।
खाद और पोषण
सोयाबीन एक तिलहनी फसल है, जिसमें सल्फर की जरूरत होती है। सल्फर की पूर्ति से तेल की मात्रा बढ़ जाती है। इसके अलावा, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटाश की भी आवश्यकता होती है। सोयाबीन की फसल में अधिक नाइट्रोजन डालने की जरूरत नहीं होती क्योंकि इसकी जड़ों में राइजोबियम गांठें होती हैं, जो प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन की पूर्ति करती हैं।
बेसल डोज:
50 किलो एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट)
35 किलो एमओपी (म्यूरेट ऑफ पोटाश)
15 किलो यूरिया
10 किलो सल्फर बेंटोनाइट
यह सुनिश्चित करें कि खादों को संतुलित मात्रा में डालें ताकि फसल को सभी जरूरी पोषक तत्व मिल सकें।
बीज उपचार और बुवाई की विधि
सोयाबीन के बीज का सही तरीके से उपचार करने से अंकुरण की दर बढ़ती है और फसल रोग-मुक्त रहती है। बीज उपचार के लिए तीन चरण अपनाएं:
फंगी साइड:
बीजों को फंगस से बचाने के लिए थायोफेनेट मिथाइल या पैराक्लोरोस्टोबॉल से उपचार करें।
इंसेक्टिसाइड:
कीटों से सुरक्षा के लिए बीजों का थायोमिथोक्साम से उपचार करें।
राइजोबियम कल्चर:
नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए राइजोबियम कल्चर का प्रयोग करें।
बुवाई का सही समय मानसून की शुरुआत के साथ होता है। 15 जून से 5 जुलाई के बीच बुवाई का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है।
उन्नत खेती के तरीके
पारंपरिक खेती की तुलना में अगर आप उन्नत तरीकों से खेती करते हैं, तो उत्पादन में दो से तीन गुना तक वृद्धि हो सकती है। बैड विधि से खेती करना इस दिशा में एक बेहतरीन तरीका है।
बैड की चौड़ाई: 2 फीट
बैड की ऊँचाई: 1 फीट
बैड से बैड की दूरी: ढाई फीट
दोनों किनारों पर बीज बोएं। इस विधि से फसल को बेहतर स्पेस मिलता है और पैदावार में वृद्धि होती है।
स्प्रे और रोग
जब फसल लगभग 60 दिनों की हो जाती है और लगने लगता है कि पौधों में केवल ऊँचाई बढ़ रही है, तो पौधों में फलियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का स्प्रे करें। इसके लिए आप लेहो सेन या प्लानोफिक्स का उपयोग कर सकते हैं।
मौसम और सिंचाई
सोयाबीन की खेती में सही समय पर बारिश का होना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि बरसात कम होती है, तो सिंचाई की व्यवस्था अवश्य करें। विशेष रूप से यदि आप कर्ज लेकर खेती कर रहे हैं, तो सिंचाई की पूरी व्यवस्था करना बहुत जरूरी है ताकि नुकसान से बचा जा सके।
खेत की तैयारी
खेत की सही तैयारी के लिए कल्टीवेटर या डिस्क हैरो का उपयोग करें। गेहूं के बाद सोयाबीन की खेती करने पर खेत में बची पराली को जलाने की बजाय उसे वेस्ट डीकंपोजर से खाद में बदल दें। यह मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाने के साथ ही नाइट्रोजन की भी पूर्ति करता है।