कृषि समाचार

Happy Seeder : धान की कटाई के बाद बिना जुताई गेहूं की बुवाई: हैप्पी सीडर से होगी 15000 प्रति एकड़ तक की बचत

हैप्पी सीडर से बिना जुताई गेहूं की बुवाई करें और प्रति एकड़ 15000 रुपए तक की बचत करें। जानिए कैसे काम करता है हैप्पी सीडर और इससे क्या-क्या फायदे हैं।

Happy Seeder : धान की कटाई के बाद बिना जुताई गेहूं की बुवाई: हैप्पी सीडर से होगी 15000 प्रति एकड़ तक की बचत

खरपतवार में कमी, लागत में बचत और बेहतर उत्पादन, जानिए हैप्पी सीडर से गेहूं की बुवाई का तरीका

रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई का समय शुरू हो चुका है। इस बार किसान पारंपरिक तरीके से हटकर हैप्पी सीडर जैसी आधुनिक कृषि तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो न केवल खेत की जुताई के बिना बुवाई करने में मदद करती है, बल्कि पराली के निस्तारण का भी बेहतर तरीका प्रदान करती है। इससे किसानों को प्रति एकड़ 15000 रुपए तक की बचत हो सकती है, और खरपतवार में भी 50 से 70% की कमी आती है।

हैप्पी सीडर: क्या है और कैसे करता है काम?

हैप्पी सीडर एक अत्याधुनिक कृषि उपकरण है जो फसल अवशेष, जैसे कि धान की पराली, को बिना जलाए खेत में ही निस्तारित कर देता है। कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी के अनुसार, यह मशीन खेत की जुताई की जरूरत को समाप्त करती है। धान की कटाई के बाद सीधे गेहूं की बुवाई संभव हो जाती है। मशीन में लगे विशेष ब्लेड फसल अवशेष को काटकर पीछे धकेलते हैं, जिससे बीज सही ढंग से जमीन में समा जाते हैं और खरपतवार के उगने की संभावना भी कम हो जाती है।

हैप्पी सीडर से बुवाई के फायदे

हैप्पी सीडर से गेहूं की बुवाई करने के कई फायदों में से कुछ प्रमुख हैं:

फायदेविवरण
खरपतवार में कमी50-70% तक खरपतवार कम उगते हैं, जिससे कम कीटनाशक की जरूरत।
पानी की बचतबुवाई के लिए खेत में नमी की जरूरत नहीं, धान की नमी ही पर्याप्त।
पराली निस्तारणपराली को जलाने की जरूरत नहीं, मिट्टी में ही निस्तारित।
लागत में बचतप्रति एकड़ 1000-1500 रुपए की बचत।
पोषक तत्वों की वृद्धिपराली के निस्तारण से मिट्टी में पोषक तत्वों की बढ़ोतरी।

कैसे करें हैप्पी सीडर का उपयोग?

हैप्पी सीडर को चलाने के लिए 45 से 50 हॉर्स पावर वाले ट्रैक्टर की जरूरत होती है। यह मशीन एक दिन में 6 से 8 एकड़ खेत में गेहूं की बुवाई कर सकती है। इससे पहले, किसानों को कंबाइन से गिरी हुई पराली को खेत में बिखेरना पड़ता है, ताकि यह मशीन के फालों में न फंसे और बुवाई में कोई समस्या न हो।

कैसे होगी प्रति एकड़ 15000 रुपए की बचत?

हैप्पी सीडर से बुवाई के साथ-साथ पराली निस्तारण भी हो जाता है, जिससे किसानों को अतिरिक्त खर्चे की जरूरत नहीं होती। साथ ही जुताई की प्रक्रिया से बचने के कारण किसानों की लागत में भी कमी आती है। इस तकनीक से प्रति एकड़ 1000-1500 रुपए तक की बचत हो सकती है, और यदि बड़े पैमाने पर खेती की जाए, तो यह बचत बढ़कर 15000 रुपए प्रति एकड़ तक पहुंच सकती है।

किसानों के लिए नई राह

कृषि में नई तकनीकों का इस्तेमाल न सिर्फ उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी होता है। हैप्पी सीडर के उपयोग से न केवल पराली जलाने की समस्या का समाधान होता है, बल्कि खेत की मिट्टी को भी पोषण मिलता है। इससे किसानों को बेहतर उत्पादन, कम लागत और उच्च मुनाफा मिल सकता है।

Sandeep Verma

नमस्ते, मैं संदीप कुमार । मैं 10 साल से लगातार पत्रकारिता कर रहा हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेत तक जुड़ी हर खबरें बताने का प्रयास करूँगा । मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर तकनीक और योजनाओ का लाभ प्राप्त कर सकें। ताजा खबरों के लिए आप खेत तक के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button