Sarso ki kheti: सरसों की खेती में अधिक उत्पादन के लिए वेराइटी के पीछे मत भागे बल्कि जाने खेत जुताई का सही तरीका, विशेषज्ञ से जानें ज़रूरी बातें
बुवाई से पहले हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी में पर्याप्त नमी हो और बीज तेजी से अंकुरित हो सकें।
Sarso ki kheti: सरसों की खेती में अधिक उत्पादन के लिए वेराइटी के पीछे मत भागे बल्कि जाने खेत जुताई का सही तरीका, विशेषज्ञ से जानें ज़रूरी बातें
रबी की फसलों में सरसों का महत्वपूर्ण स्थान है और इसकी बुवाई का समय नजदीक है। सही समय पर खेत की तैयारी करने से सरसों की फसल में वैरायटी की चिंता किए बिना अच्छी पैदावार प्राप्त की जा
सकती है।
खेत की गहरी जुताई
खेत की गहरी जुताई सरसों की खेती में महत्वपूर्ण होती है। मिट्टी का ढांचा ठीक करने और पानी की धारण क्षमता बढ़ाने के लिए 15-20 सेंटीमीटर की गहराई तक जुताई करें। इससे पोषक तत्व सतह पर आकर फसल के लिए उपयोगी होते हैं।
जल निकासी का प्रबंध
सरसों की खेती में जल निकासी का सही प्रबंध जरूरी है। खेत में पानी का जमाव होने पर सरसों की जड़ें गल सकती हैं, जिससे फसल खराब हो जाती है। खेत में ड्रेन सिस्टम का इंतजाम करें ताकि पानी का बहाव सही रहे।
खाद का चयन और समय
सरसों की फसल के लिए जैविक और रासायनिक दोनों खादों का सही मिश्रण फायदेमंद होता है। Asae wखेत की तैयारी के समय 15-20 क्विंटल प्रति एकड़ गोबर की खाद मिलाएं। इसके साथ ही नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटा युक्त उर्वरक सही अनुपात में डालें। बुवाई से पहले हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी में पर्याप्त नमी हो और बीज तेजी से अंकुरित हो सकें।
बीज चयन और बुवाई का तरीका
बाजार में सरसों की कई वैरायटी उपलब्ध हैं, लेकिन फसल की उपज मुख्यतः खेत की तैयारी पर निर्भर करती है। बीज खरीदते समय स्थानीय जलवायु के अनुसार किस्मों का चयन करें। विशेषज्ञों की सलाह अनुसार, पीबीएन 181, एमसीएन 120 जैसी किस्में उपयुक्त होती हैं। बीजों को कार्बेन्डाजिम या थायरम से उपचारित करें ताकि बीज फफूंद और कीटों से सुरक्षित रहें। बीजों को 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोने से अंकुरण तेजी से होता है।
सिंचाई और फसल की देखभाल
पहली सिंचाई बुवाई के 25-30 दिन बाद करें और इसके बाद फसल की नमी की आवश्यकता अनुसार समय-समय पर सिंचाई करें। रोग या कीट के लक्षण दिखने पर तुरंत कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करें और उचित उपचार करें।
इस प्रकार सही खेत की तैयारी, खाद का उपयोग, और फसल की देखभाल से सरसों की बेहतर उपज प्राप्त की जा सकती है।