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आलू की खेती: सही बुवाई, उर्वरक, और आधुनिक तकनीक से कैसे करें आलू की खेती ? खेत की तैयारी से लेकर बुवाई और खरपतवार नियंत्रण तक, जानिए आलू की खेती के उन्नत तरीके

खेत की तैयारी से लेकर बुवाई और खरपतवार नियंत्रण तक, जानिए आलू की खेती के उन्नत तरीके

आलू की खेती: सही बुवाई, उर्वरक, और आधुनिक तकनीक से कैसे करें आलू की खेती ?

खेत तक, नई दिल्ली, 7 सितम्बर, किसान भाइयो आलू की खेती आसान और नगदी की खेती है आलू भारत में प्रमुख खाद्य फसलों में से एक है। आलू का भारत देश में बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है, यह किसानो के लिए आय स्रोत हो है। लेकिन किसान भाइयो आलू की खेती वैज्ञानिक तरीके से की जाए व सही समय पर बुवाई, उचित बीज उपचार, मिट्टी की तैयारी और उर्वरक का सही उपयोग करना बहुत जरुरी है। किसान भाइयो आज के इस लेख में हम आलू की खेती से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों पर चर्चा करेंगे, जो किसानों को उच्च पैदावार दिलाने में मदद करेंगी।

खेत की तैयारी कैसे करें?
किसान भाइयो सबसे पहले खेत की सिंचाई करके मिट्टी को नमी देना जरूरी है ताकि मिट्टी ढीली हो और जुताई आसानी से हो सके। गहरी जुताई से मिट्टी की उपजाऊ परत सामने आती है जो पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है।
खाद: खेत में देसी खाद के साथ-साथ जिप्सम खाद का उपयोग करने से मिट्टी में कैल्शियम और सल्फर की कमी पूरी होती है, जो आलू की खेती के लिए बहुत जरुरी होती।

बीज उपचार
किसान भाइयो आलू की बुवाई से पहले बीज का सही तरीके से उपचार करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। बीज को कीटनाशक दवाओं जैसे इलेक्ट्रॉन से उपचारित करें ताकि फसल को रोगों से बचाया जा सके। बीज उपचार के दौरान हल्के रंग का उपयोग करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दवा पूरे बीज पर ठीक से लगी है।

उर्वरक
बुवाई से पहले खेत में डीएपी, जिप्सम, और सल्फर युक्त उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए। यह उर्वरक पौधों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं और फसल को दरारों से बचाते हैं। साथ ही माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स का सही अनुपात में उपयोग फसल की बेहतर वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।

आलू की बुवाई का सही समय
आलू की बुवाई के लिए अक्टूबर महीने का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। खासकर 15 से 25 अक्टूबर के बीच बुवाई करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं। इस समय पर बुवाई करने से आलू का अंकुरण सही होता है, जिससे उपज में वृद्धि होती है।

आधुनिक तकनीक का उपयोग
आजकल आलू की बुवाई के लिए सिंगल बेड और डबल लाइन मशीनों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। यह मशीनें न केवल बुवाई में मदद करती हैं, बल्कि पानी के प्रवाह को भी नियंत्रित करती हैं। साथ ही, खरपतवार नियंत्रण के लिए बुवाई के बाद हर्बिसाइड्स का छिड़काव किया जाता है, जिससे घास और अन्य अनावश्यक पौधों की वृद्धि को रोका जा सके।

खरपतवार नियंत्रण
आलू की बुवाई के तुरंत बाद खरपतवार नियंत्रण के लिए हर्बिसाइड्स का छिड़काव आवश्यक होता है। “पेंडा मैथिली” जैसी हर्बिसाइड्स का उपयोग करके फसल को खरपतवार से बचाया जा सकता है। शाम के समय स्प्रे करने से रात की ओस के कारण दवाई का असर बढ़ जाता है।

Sandeep Verma

नमस्ते, मैं संदीप कुमार । मैं 10 साल से लगातार पत्रकारिता कर रहा हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेत तक जुड़ी हर खबरें बताने का प्रयास करूँगा । मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर तकनीक और योजनाओ का लाभ प्राप्त कर सकें। ताजा खबरों के लिए आप खेत तक के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद

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