Paddy farmer’s: पूसा वैज्ञानिकों की सलाह, पूसा डीकंपोजर कैप्सूल से बनाए एक हैक्टेयर पराली की खाद मिनटों में, सस्ते में निपटाएं काम
पराली से बनी खाद मृदा की नमी को संरक्षित रखती है और वाष्पोत्सर्जन को कम करती है।
Paddy farmer’s: पूसा वैज्ञानिकों की सलाह, पूसा डीकंपोजर कैप्सूल से बनाए एक हैक्टेयर पराली की खाद मिनटों में, सस्ते में निपटाएं काम
खरीफ फसलों की कटाई के बाद किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती धान के अवशेषों यानी पराली की होती है। अक्सर किसान पराली को जलाते हैं, जिससे वातावरण में प्रदूषण बढ़ता है और स्वास्थय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसे देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा के वैज्ञानिकों ने एक प्रभावी समाधान निकाला है। अब किसान पराली को जलाने के बजाय उसे खाद में परिवर्तित कर सकते हैं।
पराली जलाने से नुकसान
पराली जलाने से न सिर्फ वातावरण प्रदूषित होता है, बल्कि इससे स्वास्थय संबंधित बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा, धुंध के कारण सूर्य की किरणें फसलों तक कम पहुंचती हैं, जिससे फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों प्रभावित होती हैं।
पराली को खाद में कैसे बदलें?
पराली को खाद में बदलने के लिए किसानों को पूसा डीकंपोजर कैप्सूल का उपयोग करने की सलाह दी गई है। प्रति हेक्टेयर खेत में सिर्फ 4 कैप्सूल का प्रयोग कर सकते हैं। इन कैप्सूल्स से पराली को जमीन में मिलाने पर यह जल्दी से सड़ने लगती है और कुछ ही समय में खेत के लिए खाद तैयार हो जाती है।
पूसा डीकंपोजर कैप्सूल से फायदे
पराली को सड़ाने से खेतों की मिट्टी को अधिक पोषण मिलता है। पराली से बनी खाद मृदा की नमी को संरक्षित रखती है और वाष्पोत्सर्जन को कम करती है।
पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव होता है।
पूसा डीकंपोजर कैप्सूल का उपयोग
पूसा वैज्ञानिकों द्वारा सुझाया गया यह समाधान किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है।
किसान भाई, इस रबी सीजन में पूसा डीकंपोजर का उपयोग करके अपनी खेती को और भी लाभकारी बनाएं!