Mustard Farming : सरसों की फसल में 4 किलो सल्फर डालने से बढ़ेगा तेल का उत्पादन: जानिए एक्सपर्ट के धांसू टिप्स
सरसों की फसल में सही समय पर सल्फर और कीटनाशक का उपयोग करके अधिक तेल और बेहतर उत्पादन पाएं। एक्सपर्ट के दिए गए टिप्स से कम समय में मुनाफा कमाएं।
Mustard Farming : सरसों की फसल में 4 किलो सल्फर डालने से बढ़ेगा तेल का उत्पादन: जानिए एक्सपर्ट के धांसू टिप्स
Get more oil and better production by using sulfur and pesticides at right time in mustard crop. Earn profits in less time with the tips given by experts.
Mustard Farming : रवि सीजन में सरसों की खेती किसानों के लिए एक बेहतर मुनाफे का जरिया साबित हो सकती है। कृषि एक्सपर्ट्स का मानना है कि सही फसल प्रबंधन और पोषक तत्वों का संतुलित उपयोग करके सरसों की फसल से अधिक तेल और बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
सरसों की खेती के लिए जरूरी टिप्स (Important tips for mustard cultivation)
सरसों की फसल से अच्छा उत्पादन पाने के लिए कृषि विशेषज्ञ कुछ खास टिप्स साझा कर रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि किसानों को सरसों की फसल में सही समय पर उचित खाद और सिंचाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। सल्फर के उचित उपयोग से सरसों के दानों में तेल की मात्रा बढ़ती है, जिससे किसानों को अच्छा उत्पादन और मुनाफा मिलता है।
शुरुआती दौर में कीट प्रबंधन पर ध्यान दें (Pay attention to pest management in the initial stages)
सरसों की फसल के शुरुआती दौर में ही कई कीट आक्रमण कर सकते हैं। कीट प्रबंधन के लिए किसानों को सही तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए। डॉ. त्रिपाठी के अनुसार, सरसों के जमाव के 5 से 7 दिन बाद कीटनाशक मेलाथियान का छिड़काव करना जरूरी है। इसके लिए 4 किलो मेलाथियान पाउडर को प्रति एकड़ में छिड़कना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे कि चूल्हे की राख के साथ कीटनाशक न मिलाएं, क्योंकि इससे कीटनाशक की प्रभावशीलता कम हो जाती है और कीट पूरी तरह से नष्ट नहीं होते।
सिंचाई और सल्फर के उपयोग का महत्व (Importance of irrigation and use of sulfur)
सरसों की फसल में ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। पहली सिंचाई तभी करें जब खेत में नमी की कमी हो। सरसों के पौधे जब पानी की जरूरत महसूस करते हैं तो उनका रंग काला पड़ने लगता है। उस समय सिंचाई करने से फसल को सही पोषण मिलेगा। साथ ही, सल्फर का उपयोग सरसों के दानों में तेल की मात्रा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
डॉ. त्रिपाठी के अनुसार, सिंचाई के बाद प्रति एकड़ 4 किलो दानेदार सल्फर का छिड़काव करना चाहिए। यह सरसों के दानों में अधिक तेल बनाने में मदद करता है। ध्यान रहे कि पाउडर वाला सल्फर इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे पत्तियों पर सल्फर जम सकता है, जिससे पौधे को नुकसान हो सकता है।
सरसों की खेती से बेहतर मुनाफा कैसे पाएं? (How to get better profits from mustard farming?)
सरसों की अच्छी गुणवत्ता और तेल की मात्रा बढ़ाने के लिए सल्फर का सही समय पर उपयोग महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, गुणवत्तापूर्ण बीज, सही समय पर बुवाई और कीट प्रबंधन पर ध्यान देकर किसान सरसों की फसल से बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सही तकनीकों का इस्तेमाल करें और विशेषज्ञों के सुझावों का पालन करें।