सरसों की खली: जैविक खेती के लिए वरदान, बढ़ाए मिट्टी की उर्वरक क्षमता और कीड़ों से मिलेगी सुरक्षा
सरसों और नीम की खली जैसे जैविक उपाय पौधों को कीटों से बचाने और मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए बेहतरीन हैं। इनका उपयोग पौधों की वृद्धि और फसलों की गुणवत्ता में सुधार करता है।
सरसों की खली: जैविक खेती के लिए वरदान, बढ़ाए मिट्टी की उर्वरक क्षमता और कीड़ों से मिलेगी सुरक्षा
बरसात के बाद फसलों और पौधों पर कीटों का हमला एक आम समस्या है, जिससे कई किसान जूझते हैं। कीटनाशक उपयोग करने से बचने वाले किसानों के लिए जैविक समाधान एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। जैविक कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि सरसों की खली का उपयोग करके न केवल पौधों को कीड़ों से बचाया जा सकता है, बल्कि उनकी पोषण क्षमता और मिट्टी की उर्वरकता भी बढ़ाई जा सकती है। यह न केवल पर्यावरण के लिए अनुकूल है बल्कि पौधों को भी स्वस्थ रखता है।
सरसों की खली: प्राकृतिक खाद और कीटनाशक
सरसों की खली का उपयोग कृषि में सदियों से किया जाता रहा है। कोडरमा कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. ए. के. राय के अनुसार, सरसों की खली जैविक खाद और प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में काम करती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारने और पौधों की जड़ों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
सरसों की खली का उपयोग करके पौधों में निरंतर पोषण और मिट्टी की संरचना को सुधारने में मदद मिलती है। इससे न केवल पौधों की सेहत में सुधार आता है, बल्कि यह खरपतवार और कीटों से भी सुरक्षा प्रदान करता है।
सरसों की खली का लिक्विड और केक के रूप में उपयोग
सरसों की खली का दो रूपों में उपयोग किया जा सकता है: लिक्विड और केक। लिक्विड बनाने के लिए 100 ग्राम सरसों की खली को 1 लीटर पानी में 2 से 3 दिनों तक भिगोकर रखें। इसके बाद इसे 5 लीटर पानी में मिलाकर पौधों की जड़ों में डालें। यह पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने के साथ कीड़ों से भी बचाता है।
खाद के रूप में इसे 20-25 ग्राम मात्रा में मिट्टी में मिलाकर पौधों की जड़ों के आसपास डाला जा सकता है। यह मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने और सूक्ष्म जीवाणुओं को सक्रिय करने में मदद करता है।
नीम की खली: एक और प्राकृतिक उपाय
नीम की खली भी एक प्रभावी जैविक कीटनाशक है। 50 ग्राम नीम की खली को 1 लीटर पानी में मिलाकर इसका छिड़काव करने से पौधों को कीटों से बचाया जा सकता है। यह रासायनिक कीटनाशकों के विपरीत पौधों को बिना नुकसान पहुंचाए सुरक्षित रखती है। बड़े गमलों में 100 ग्राम और छोटे गमलों में 50 ग्राम नीम की खली डालने से पौधों को सुरक्षा मिलती है।