कम लागत, तगड़ा मुनाफा: इस फसल के एक पेड़ में ही किसान हो रहे मालामाल, मिलता है डेढ़ क्विंटल फल
कम लागत, तगड़ा मुनाफा: इस फसल के एक पेड़ में ही किसान हो रहे मालामाल, मिलता है डेढ़ क्विंटल फल
खेत तक, नई दिल्ली, किसान भाइयो अब पारंपरिक फसलों के बजाय नगदी फसलों की ओर रुख करना ही बहतर हैं, जो कम समय और कम लागत में बेहतर मुनाफा दिलाने में सक्षम हैं। इन्हीं नगदी फसलों में पपीता की खेती प्रमुखता से सामने आ रही है। पपीता की खेती न केवल कम लागत में अधिक उत्पादन देती है बल्कि इसकी मांग भी बाजार में बनी रहती है।
किसान भाइयो पपीता की खेती करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है सही पौधे का चयन। अगर आप भी पपीता की खेती करने की सोच रहे हैं, तो उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जनपद में स्थित 1989 से संचालित लवली नर्सरी से बेहतरीन पौधे प्राप्त कर सकते हैं। नर्सरी संचालक दविंदर पाल सिंह के अनुसार पपीता की सही किस्म और प्रबंधन से किसान उच्च गुणवत्ता वाले फल प्राप्त कर सकते हैं।
किसान भाइयो पपीता की खेती के लिए रेड लेडी 786 किस्म सबसे उपयुक्त मानी जाती है। दविंदर पाल सिंह ने बताया हैं कि इस किस्म का एक पौधा मात्र 30 रुपये में उपलब्ध है। एक एकड़ खेत में पपीता की खेती के लिए लगभग 600 से 700 पौधों की आवश्यकता होती है। पौधों को नमी वाली मिट्टी में रोपण करना चाहिए, और सिंचाई के साथ जैविक खाद का नियमित उपयोग भी जरूरी है।
किसान भाइयो पपीता की खेती के लिए पौधों की रोपाई के 6 महीने बाद ही फल आने शुरू हो जाते हैं, और 2-3 महीने के भीतर फल पक कर तैयार हो जाते हैं। पपीते की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है, जिससे किसान अपनी आय को तेजी से बढ़ा सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए नर्सरी संचालक दविंदर पाल सिंह ने बताया कि पपीता की खेती से एक पेड़ में लगभग एक से डेढ़ क्विंटल तक फल प्राप्त किया जा सकता है। यह उत्पादकता किसानों के लिए एक बड़ी मुनाफा कमाने का अवसर प्रस्तुत करती है।
किसानों के बीच पपीता की खेती का रूझान बढ़ रहा है, और नई किस्मों के पौधे लगाने से उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है। यह फसल न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही है, बल्कि उन्हें कृषि में नई संभावनाओं की ओर भी प्रेरित कर रही है।