गेहूं की खेती से चाहते है बपर उत्पादन तो सही समय का करें चुनाव, इसी महीने की इस तारिक का करें चयन
गेहूं की खेती कृषि क्षेत्र में किसानों के लिए एक बड़ा लाभकारी बन चुकी है। सही समय पर बुवाई और उर्वरक का संतुलित उपयोग करके किसान अपनी पैदावार को कई गुना बढ़ा सकते हैं
गेहूं की खेती से चाहते है बपर उत्पादन तो सही समय का करें चुनाव, इसी महीने की इस तारिक का करें चयन
गेहूं की खेती कृषि क्षेत्र में किसानों के लिए एक बड़ा लाभकारी बन चुकी है। सही समय पर बुवाई और उर्वरक का उपयोग करके किसान अपनी पैदावार को कई गुना बढ़ा सकते हैं। यहां हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच सही किस्मों का चयन कर एक बीघा खेत से बंपर मुनाफा कमाया जा सकता है।
गेहूं की बुवाई का सही समय और किस्में
विशेषज्ञों के अनुसार, गेहूं की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच होता है। इस समय बुवाई करने से फसल की गुणवत्ता और उपज दोनों बेहतर होती हैं। बुवाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाली प्रजातियों का चयन करना जरुरी है। अगर देरी से बुवाई करनी है, तो 15 दिसंबर से 25 दिसंबर तक मध्यम और देरी वाली किस्मों का चुनाव किया जा सकता है।
एक बीघा खेत के लिए बीज की मात्रा
बुवाई का समय और बीज की मात्रा (किलोग्राम)
15 अक्टूबर से 15 नवंबर 25 किलोग्राम
देरी से बुवाई (15 दिसंबर के बाद) 35 किलोग्राम
उर्वरक और खाद का सही उपयोग
उर्वरक का सही उपयोग गेहूं की पैदावार में वृद्धि का मुख्य आधार है। अगर गोबर और कंपोस्ट की कमी है, तो रासायनिक उर्वरकों का संतुलन बनाकर अधिक पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
मुख्य उर्वरक जो फसल के लिए आवश्यक होते हैं
नाइट्रोजन (यूरिया): जमाव के समय और पहली सिंचाई के बाद उपयोग करें।
डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट): बुवाई के समय उपयोग करें।
सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी): फॉस्फोरस की कमी पूरी करता है।
पोटाश (न्यूरोटा पोटाश)
पौधों के विकास में सहायक होता है।
सल्फर और जिंक सल्फेट बुवाई के समय 5 किलोग्राम
सल्फर और 3 किलोग्राम जिंक सल्फेट का प्रयोग लाभकारी है
सिंचाई और देखभाल
बुवाई के बाद पहली सिंचाई 20 से 25 दिनों के भीतर करनी चाहिए। इसके साथ ही, यूरिया का भी प्रयोग करना चाnहिए ताकि पौधों को नाइट्रोजन की पर्याप्त मात्रा मिल सके। समय-समय पर फसल का निरीक्षण करना और कीट नियंत्रण उपाय अपनाना महत्वपूर्ण है ताकि फसल को नुकसान न पहुंचे।
अगर आप गेहूं की खेती में सही समय पर बुवाई, बीज की सही मात्रा और उर्वरकों का संतुलित उपयोग करते हैं, तो एक बीघा भूमि से लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं।