Gram Farming : चने की खेती में बंपर उत्पादन के लिए अपनाएं ये 5 अहम टिप्स
चने की खेती में बंपर पैदावार के लिए अपनाएं ये 5 आसान टिप्स। सही बीज उपचार, बुवाई का समय, उर्वरक और कीट प्रबंधन से पाएं बेहतर उत्पादन।
Gram Farming : चने की खेती में बंपर उत्पादन के लिए अपनाएं ये 5 अहम टिप्स
Khet Tak : चना, दलहनी फसलों में प्रमुख स्थान रखता है और इसकी खेती किसानों के लिए कम लागत में अच्छा लाभ देने वाली साबित होती है। बाजार में इसकी हमेशा मांग रहती है, जिससे यह खेती और भी आकर्षक हो जाती है। यहां हम आपको चने की खेती में बंपर उत्पादन पाने के लिए 5 जरूरी टिप्स के बारे में बता रहे हैं।
1. बीज उपचार
चना बुवाई से पहले बीजों को कवकनाशी जैसे वीटावैक्स (20 ग्राम/किलो), थीरम या कैप्टान (2-5 ग्राम/किलो) से उपचारित करना बेहद जरूरी है। यह प्रक्रिया फसलों में रोग लगने के खतरे को कम करती है और उत्पादकता बढ़ाती है।
2. बुवाई का सही समय
असिंचित क्षेत्र: अक्टूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में बुवाई करें।
सिंचित क्षेत्र: नवंबर के दूसरे सप्ताह तक बुवाई पूरी कर लें।
सही समय पर बुवाई से चने की पैदावार में वृद्धि होती है।
3. बीज दर और दूरी
चना की किस्म के अनुसार बीज दर निर्धारित करें:
छोटे दाने वाली किस्म: 75-60 किग्रा/हेक्टेयर
बड़े दाने वाली किस्म: 90-100 किग्रा/हेक्टेयर
किस्म और दूरी का ध्यान रखना पैदावार बढ़ाने में मदद करता है।
4. उर्वरक प्रबंधन
फसल की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और गंधक का उपयोग करें। 20:45:20:20 किग्रा/हेक्टेयर के अनुपात में उर्वरक डालना उचित रहेगा। यह फसल को पोषक तत्वों की पूर्ति करता है।
5. खरपतवार और कीट प्रबंधन
चने की बुवाई के 20-30 दिन बाद पहली निराई-गुड़ाई करें।
दीमक से बचाव के लिए खेत में क्लोरोपाइरीफॉस घोल (25 किग्रा/हेक्टेयर) का छिड़काव करें।
खरपतवार और कीटों से बचाव फसल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
सलाह
चना की खेती करने वाले किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशकों का सही मात्रा में उपयोग करना चाहिए। साथ ही, फसल की नियमित देखभाल से पैदावार और मुनाफा दोनों में वृद्धि होती है।