Gamhar (गम्हार) की खेती: चंदन से भी महंगी है इसकी लकड़ी, खेती करने से किसानों की आय में आ जायेगा बड़ा उछाल
गम्हार की खेती से किसान मालामाल हो रहे हैं। चंदन से भी महंगी इस लकड़ी की खेती से जुड़ी जानकारी और औषधीय गुण, जो किसानों के लिए आर्थिक उछाल का स्रोत है।
Gamhar(गम्हार) की खेती: चंदन से भी महंगी है इसकी लकड़ी, खेती करने से किसानों की आय में आ जायेगा बड़ा उछाल
खेत तक, 12 सितंबर 2024, भोपाल: कृषि वानिकी यानी पेड़ों की खेती किसानों के लिए नए अवसर पैदा कर रही है। गम्हार (Gamhar) का पेड़, जिसकी लकड़ी की कीमत कई बार चंदन से भी अधिक होती है, आजकल किसानों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बनता जा रहा है। गम्हार की खेती न केवल किसानों को आर्थिक समृद्धि की ओर ले जाती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होती है। इस पेड़ की लकड़ी फर्नीचर, प्लाईवुड, पेंसिल, और दरवाजों के निर्माण में इस्तेमाल की जाती है, जिससे इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।
गम्हार की विशेषताएँ
गम्हार का पेड़ अपनी उच्च गुणवत्ता वाली लकड़ी के कारण प्रसिद्ध है। इसकी लकड़ी न केवल मजबूत होती है, बल्कि इसे विभिन्न औद्योगिक कार्यों में उपयोग किया जाता है। गम्हार की लकड़ी की इतनी ज्यादा मांग है कि यह कई बार चंदन से भी अधिक कीमत पर बिकती है। इसके साथ ही, किसान इसे अन्य फसलों के साथ उगाकर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं।
गम्हार की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
गम्हार के पेड़ की सफल खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी और अच्छी जलवायु की आवश्यकता होती है। इसे सामान्य मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों तक कहीं भी उगाया जा सकता है। जहाँ पानी की उचित व्यवस्था होती है, वहाँ यह पेड़ तेजी से बढ़ता है और कम समय में अच्छी ऊँचाई प्राप्त कर लेता है। इसकी जड़ें गहरी होने की वजह से यह मिट्टी के स्वास्थ्य को भी बनाए रखता है, जिससे भूमि की उर्वरता बनी रहती है।
गम्हार की किस्में
गम्हार के पेड़ की कई प्रजातियाँ हैं, जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों में उगाई जाती हैं। खासतौर पर मध्य प्रदेश के मंडला, शहडोल, सिंगरौली और अन्य जिलों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इन प्रजातियों का उपयोग विभिन्न औद्योगिक और व्यावसायिक कार्यों में किया जाता है, जिससे स्थानीय किसानों को बड़ी मात्रा में आमदनी होती है।
गम्हार के गुण
गम्हार का पेड़ न केवल अपनी लकड़ी के लिए, बल्कि इसके औषधीय गुणों के कारण भी महत्व रखता है। आयुर्वेद में इसका उपयोग पित्त और कफ को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, इसकी पत्तियाँ, छाल, और फूल भी विभिन्न औषधीय उपचारों में इस्तेमाल होते हैं। इस प्रकार, गम्हार की खेती से किसानों को कई अतिरिक्त लाभ मिलते हैं, जो उनकी आमदनी को और बढ़ाते हैं।
गम्हार की खेती से आमदनी
गम्हार के पेड़ की खेती से किसानों को शानदार आर्थिक लाभ हो सकता है। एक एकड़ भूमि में लगाए गए गम्हार के पेड़ बीस सालों में लगभग एक करोड़ रुपये तक की आमदनी दे सकते हैं। इसके साथ ही, इसकी लकड़ी की ऊँची कीमतें इसे और भी अधिक लाभदायक बनाती हैं। इस पेड़ की खेती के साथ किसान अपनी जमीन का उचित उपयोग कर सकते हैं और अपनी आजीविका को स्थिर और सुरक्षित बना सकते हैं।