किसान ने बनाई जुगाडू बिजाई मशीन : मात्र ₹500 में बनी यह देसी मशीन करती है लाखों रुपयों वाली मशीन को फ़ैल
ग्वार, मूंग और मोठ की बिजाई के लिए आदर्श, कम पानी वाले क्षेत्रों में साबित हो रही है कारगर
किसान ने बनाई जुगाडू बिजाई मशीन : मात्र ₹500 में बनी यह देसी मशीन करती है लाखों रुपयों वाली मशीन को फ़ैल
ग्वार, मूंग और मोठ की बिजाई के लिए आदर्श, कम पानी वाले क्षेत्रों में साबित हो रही है कारगर
खेत तक : 8 अगस्त, नई दिल्ली, राजस्थान के एक छोटे से गांव के किसान हनुमान ने अपने दिमाग से राजस्थान की देसी जुगाड़ तकनीक से मात्र ₹500 की लागत से एक ऐसी मशीन बनाई है, जिसने न केवल उनके खेतों में बिजाई को आसान बना दिया है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा बटोरी है। यह राजस्थानी बिजाई मशीन विशेष रूप से ग्वार, मूंग, बाजार मूंग और मोठ जैसी फसलों की बिजाई के लिए कारगर साबित हो रही है।
कैसे काम करती है हनुमान की राजस्थानी मशीन?
हनुमान की बनाई गई इस मशीन में छोटी साइकिल के टायर और लोहे की कुछ पाइपों का उपयोग किया गया है। इस साधारण दिखने वाली मशीन की खास बात यह है कि यह बिरानी या कम पानी वाले इलाकों में भी बेहद प्रभावी साबित हो रही है। किसान हनुमान ने इस मशीन को बनाने के लिए अपने खेत में इस्तेमाल होने वाले कुछ पुराने और अनुपयोगी सामानों का इस्तेमाल किया। उन्होंने साइकिल के टायर और पाइप को इस तरह से जोड़ा कि यह मशीन ग्वार, मूंग और मोठ जैसी फसलों की बिजाई के लिए उपयुक्त बन गई।
हनुमान की कलाकारी बनी चर्चा का विषय
हनुमान की इस जुगाड़ तकनीक की हर कोई तारीफ कर रहा है। सोशल मीडिया पर यह मशीन चर्चा का विषय बनी हुई है, और लोग इसे देखते ही हनुमान की कलाकारी की सराहना कर रहे हैं।
किसान हनुमान का कहना है, यह मशीन मैंने अपने खेतों में बिजाई को आसान बनाने के लिए बनाई है। मुझे नहीं लगा था कि यह इतनी लोकप्रिय हो जाएगी। हनुमान की इस मशीन ने न केवल उनके खेतों में बिजाई की प्रक्रिया को सरल बनाया है, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी एक प्रेरणा बन गई है।
कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए वरदान
राजस्थान के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी की कमी के चलते खेती करना हमेशा से एक चुनौती रही है। ऐसे में हनुमान की यह मशीन उन किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है, जो कम पानी वाले इलाकों में खेती कर रहे हैं। इस मशीन की मदद से वे आसानी से ग्वार, मूंग और मोठ जैसी फसलों की बिजाई कर सकते हैं, जो इन इलाकों में प्रमुख रूप से उगाई जाती हैं।
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सोशल मीडिया पर हनुमान की सफलता
इस मशीन के वायरल होने के बाद हनुमान ने न केवल अपने इलाके में बल्कि सोशल मीडिया पर भी खूब वाहवाही बटोरी है। अन्य किसान भी इस मशीन को बनाने की प्रेरणा ले रहे हैं और अपने खेतों में इसे आजमाने की सोच रहे हैं। हनुमान की यह कलाकारी उन्हें उन किसानों के बीच एक नई पहचान दिला रही है, जो कम संसाधनों में भी कुछ नया और प्रभावी करने की सोच रखते हैं।