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DAP fertilizer : डीएपी खाद की ताकत को तीन गुना बढ़ाएं: जानें नई तकनीक

डीएपी खाद की शक्ति को चार गुना बढ़ाने की नई तकनीक जानें। इससे फसल की गुणवत्ता और पैदावार कैसे बढ़ाएं, यहां पढ़ें।

DAP fertilizer : डीएपी खाद की ताकत को तीन गुना बढ़ाएं: जानें नई तकनीक

DAP fertilizer : किसान भाइयों, वर्तमान में रासायनिक खेती का युग चल रहा है, और डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) खाद के बिना किसान अपनी फसल के बारे में सोच भी नहीं सकते। हालांकि, बहुत से किसान यह नहीं जानते कि जो डीएपी वे अपने खेतों में डालते हैं, उसका 70-80% हिस्सा मिट्टी में फिक्स हो जाता है, जिससे पौधों को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते। इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप डीएपी की शक्ति को चार गुना बढ़ा सकते हैं, जिससे आपकी फसल की गुणवत्ता और पैदावार में सुधार होगा।

डीएपी खाद का महत्व और उसकी समस्याएं

डीएपी खाद का उपयोग फसल की उपज बढ़ाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसकी प्रभावशीलता कई कारणों से कम हो जाती है। इनमें शामिल हैं:

  • ऑर्गेनिक मैटर की कमी: खेतों में जैविक सामग्री की कमी से पौधों को पोषण नहीं मिल पाता।
  • मिट्टी का पीएच स्तर: उच्च पीएच स्तर भी फॉस्फोरस के अवशोषण में बाधा डालता है।
  • सल्फेट खादों के साथ रिएक्शन: सल्फेट खादों के साथ रिएक्शन होने पर भी डीएपी पौधों के लिए उपलब्ध नहीं रह जाता।

डीएपी की पावर बढ़ाने का तरीका

आपको 1 एकड़ के लिए निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता होगी:

  • गोबर की देसी खाद: 80 किलोग्राम (2-3 साल पुरानी)
  • डीएपी: 25 किलोग्राम
  • यूरिया: 10-15 किलोग्राम

मिश्रण तैयार करने की विधि

  1. खाद का चयन: 80 किलो देसी खाद या वर्मी कंपोस्ट को अच्छी तरह से नमी में भरपूर सुनिश्चित करें।
  2. डीएपी का मिश्रण: आधा बैग डीएपी लें और इसे देसी खाद में अच्छी तरह मिलाएं। सुनिश्चित करें कि खाद में पर्याप्त नमी हो।
  3. ढकाई और फर्मेंटेशन: मिश्रण को पॉलीथीन शीट से ढक दें और 7-8 दिनों के लिए रखें। बीच-बीच में इसे चेक करें।
  4. यूरिया मिलाना: 7-8 दिनों बाद, ठंडा होने पर इसमें 10-15 किलो यूरिया मिलाएं। इसे किसी भी फसल की बिजाई से पहले खेत में छिड़काव करें।

परिणाम

इस प्रक्रिया से डीएपी का पीएच स्तर कम होगा, जिससे पौधों को अधिक पोषक तत्व मिल सकेंगे। इससे न केवल मिट्टी का पीएच संतुलित होगा, बल्कि फिक्सिंग की समस्या भी कम होगी। साथ ही, माइक्रोऑर्गेनिज्म की संख्या बढ़ने से फॉस्फोरस पौधों के लिए उपलब्ध हो जाएगा। इस विधि से आप अपनी फसल की पैदावार को 20-25% तक बढ़ा सकते हैं।

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