नरमा-कपास के टिंडों का साइज और वजन बढ़ाने के 3 आसान तरीके: NPK उर्वरक, PGR, और सिंचाई
Learn how to increase the size and weight of cotton bolls using NPK fertilizer, PGR, and proper irrigation techniques. Expert tips for better cotton farming.
नरमा-कपास के टिंडों का साइज और वजन बढ़ाने के 3 आसान तरीके: NPK उर्वरक, PGR, और सिंचाई
खेत तक, नई दिल्ली, 4 सितम्बर, किसान भाइयो इस बार खरीफ सीजन में नरमा-कपास की खेती का ग्राफ काफी हद घटा है, क्योंकि पिछले साल गुलाबी सुंडी ने किसानो की कमर तोड़ कर रख दी थी जिसके चलते इस साल किसानो में कपास की खेती को कम कर दिया है। ऐसे में आपको कपास की खेती को लेकर सम्पूर्ण ज्ञान होना बहुत जरुरी है ।
किसान भाइयो कपास की खेती में टिंडों का साइज और वजन बढ़ाना बहुत जरुरी है, अगर हम इस पर ध्यान नहीं देंगे तो उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है । इसलिए आज हम इस लेख के माध्यम से आपको तीन महत्वपूर्ण उपाय बताएंगे, जिनसे आप नरमा-कपास के टिंडों का साइज और वजन बढ़ा सकते हैं।
1. NPK उर्वरक और सूक्ष्म पोषक तत्वों का उपयोग
किसान भाइयो जब कपास के टिंडे बनने लगते हैं, तो पौधे को अधिक खुराक की आवश्यकता होती है। इसलिए इस समय NPK 13 00 45 उर्वरक का स्प्रे करना अत्यंत आवश्यक होता है। इसके साथ ही जिंक, मैग्नीशियम, और बोरॉन को मिलाकर स्प्रे करना चाहिए। बोरॉन और पोटाश फल के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो टिंडों का साइज बढ़ाने में सहायक होते हैं।
NPK 13 00 45 – 1 किलोग्राम
जिंक (चिलेट फॉर्म) – 100 ग्राम
मैग्नीशियम सल्फेट – 1 किलोग्राम
बोरॉन – 100 ग्राम
किसान भाइयो इन सभी को 150 लीटर पानी में घोलकर एक एकड़ खेत में स्प्रे करें। 10 दिनों के अंतराल पर इसे दोहराएं, और अगर खेत में नमी पूरी हो, तो आप इसे 3-4 बार दोहरा सकते हैं। इस तकनीक से आपके टिंडों का साइज और वजन दोनों में फायदा मिलेगा।
2. PGR (प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर) का उपयोग
अगर आपकी फसल की हाइट 6 फीट से अधिक हो गई है तो आपको पीजीआर का स्प्रे करना चाहिए। पीजीआर जैसे बायर का प्लानो फिक्स या घरडा का चमत्कार, पौधे की ऊंचाई को नियंत्रित करता है और पौधे की खुराक को टिंडों तक पहुंचाता है। जिससे टिंडों और पौधों का ग्रोथ बढेगा, जब पौधों का विकाश होगा तो उत्पादन भी अधिक होगा ।
3. सिंचाई और नमी बनाए रखना
किसान भाइयो फसल की सिंचाई नियमित रूप से करनी चाहिए, खासकर जब टिंडों का निर्माण हो रहा हो। पौधे को इस समय पर पानी की अधिक आवश्यकता होती है, क्योंकि वह जमीन से पोषक तत्व लेता है। अगर खेत में नमी नहीं है तो कोई भी स्प्रे करने से पहले सिंचाई करना बहुत ही जरुरी है।