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2024 में गेहूं की वैज्ञानिक खेती | Gehu Ki Kheti Kaise Kare | इस तरीके से 90 क्विंटल तक होगी पैदावार

गेहूं की बुआई में इन सावधानियों को अपनाकर पाएं बंपर उत्पादन। सही वैरायटी, खाद और तकनीकों के बारे में जानें और अपनी फसल को बेहतर बनाएं।

2024 में गेहूं की वैज्ञानिक खेती | Gehu Ki Kheti Kaise Kare | इस तरीके से 90 क्विंटल तक होगी पैदावार

खेत तक, किसान भाइयों गेहूं की बुआई का सीजन शुरू हो चुका है आप ही नहीं बल्कि हर किसान चाहता है कि उसकी फसल की पैदावार अधिक से अधिक हो । लेकिन क्या आप जानते हैं कि बुआई के दौरान की गई कुछ छोटी-छोटी गलतियां आपके उत्पादन को कितना नुकसान पाउच सकती है? आज हम आपको बताएंगे उन प्रमुख सावधानियों के बारे में जिनका ध्यान रखकर आप गेहूं की फसल में शानदार नतीजे हासिल कर प्रति हेक्टेयर 90 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते है ।

1. क्रॉप रोटेशन अपनाएं
किसान भाइयों देश के अधिकांश किसान एक ही खेत में लगातार गेहूं उगाते रहते हैं। यह बड़ी गलती है क्योंकि इससे मिट्टी की उर्वरता कम होती जाती है। क्रॉप रोटेशन अपनाएं। इस बार गेहूं लगाएं तो अगली बार कोई अन्य फसल। इससे मिट्टी में पोषक तत्व संतुलित रहेंगे और उत्पादन भी बेहतर होगा।

2. खेत की सही तैयारी करें
खेत में पहले से मौजूद फसल अवशेष या पुरानी फसल के कच्चे अवशेष को ठीक से रोटोवेट या जुताई करें। डीकंपोजिंग प्रक्रिया तेज करने के लिए प्रति एकड़ 20-50 किलो यूरिया छिड़कें और सिंचाई करें। इससे मिट्टी तैयार हो जाएगी और फसल की जड़ें बेहतर तरीके से बढ़ेंगी।

3. संतुलित बेसल डोज खाद का इस्तेमाल
गेहूं की फसल को सही विकास के लिए डीएपी, यूरिया और म्यूरेट ऑफ पोटाश की आवश्यकता होती है।

खाद मात्रा (प्रति एकड़) उपयोगिता
डीएपी 35-50 किलो जड़ों की मजबूती के लिए
यूरिया 20 किलो नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए
म्यूरेट ऑफ पोटाश 30-35 किलो पोषक तत्वों के परिवहन के लिए
साथ ही, सल्फर और जिंक सल्फेट जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व भी फसल के लिए बेहद जरूरी हैं।

4. सही वैरायटी का चयन करें
अपनी मिट्टी और बुआई के समय के अनुसार वैरायटी का चयन करें। टॉप वैरायटी जैसे ‘श्रीराम 303’ और ‘अजीत 349’ उत्तर भारत में अच्छी पैदावार देती हैं। ध्यान दें कि हर क्षेत्र में एक ही वैरायटी समान प्रदर्शन नहीं कर सकती।

5. बीज उपचार न भूलें
बीज उपचार फसल को फंगस, दीमक और अन्य बीमारियों से बचाने में मदद करता है। थायरम और फिप्रो निल जैसे रसायनों से बीज का उपचार करें। इससे फसल की जड़ें सफेद और मजबूत बनेंगी।

6. सीड रेट का सही उपयोग
अगेती बुआई के लिए 40-50 किलो प्रति एकड़ और पछेती बुआई के लिए 50-60 किलो प्रति एकड़ बीज का उपयोग करें। अधिक बीज डालने से पौधों को फैलने की जगह नहीं मिलती और उत्पादन प्रभावित होता है।

फसल की देखभाल में ध्यान देने वाली बातें
पहली सिंचाई के समय खादों का सही अनुपात दें।
पौधों की वृद्धि और बालियों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें।
मौसम की स्थिति पर नजर रखें और फसल को ओस व फंगस से बचाने के उपाय अपनाएं।

Sandeep Verma

नमस्ते, मैं संदीप कुमार । मैं 10 साल से लगातार पत्रकारिता कर रहा हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेत तक जुड़ी हर खबरें बताने का प्रयास करूँगा । मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर तकनीक और योजनाओ का लाभ प्राप्त कर सकें। ताजा खबरों के लिए आप खेत तक के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद

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