गेहूं की इस नई किस्म से किसान होंगे मालामाल, 75 क्विंटल उत्पादन लेना है तो 20 नवम्बर तक होगी बिजी
the new HD-3385 wheat variety developed by ICAR, offering farmers up to 75 quintals per hectare with disease resistance. Learn more about its cultivation and benefits
गेहूं की इस नई किस्म से किसान होंगे मालामाल, 75 क्विंटल उत्पादन लेना है तो 20 नवम्बर तक होगी बिजी
Khet Tak : New Delhi, भारत में गेहूं की खेती एक प्रमुख कृषि गतिविधि है, और किसानों के लिए बेहतर उपज प्राप्त करने के नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई गेहूं की नई किस्म HD-3385 किसानों को अधिक पैदावार देने के साथ ही कम लागत में उत्पादन का मौका प्रदान करती है। यह किस्म अपनी रोग प्रतिरोधी विशेषताओं के कारण किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है।
HD-3385 गेहूं की किस्म एक हेक्टेयर में 75 क्विंटल तक उपज दे सकती है, जो इसे उच्च उत्पादकता वाली किस्म बनाती है। इसे भारत के विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है, और यह विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। HD-3385 की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह रतुआ रोग और कीटों के प्रति प्रतिरोधी है, जिससे किसानों को बहुत कम कीटनाशक का उपयोग करना पड़ता है। इस किस्म से उत्पन्न गेहूं स्वास्थ्य के लिए भी अधिक सुरक्षित होता है, क्योंकि कम रासायनिक दवाओं का उपयोग होता है।
डॉ. एनपी गुप्ता, कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के विशेषज्ञ के अनुसार, गेहूं की HD-3385 किस्म को नवंबर के पहले सप्ताह से 20 नवंबर तक बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। बीज प्राप्त करने के लिए किसान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली से संपर्क कर सकते हैं या किसान मेलों में जाकर भी बीज प्राप्त कर सकते हैं।
HD-3385 किस्म की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसे कम कीटनाशकों के साथ उगाया जा सकता है, जिससे पर्यावरण पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कम कीटनाशक उपयोग से न केवल उत्पादन लागत कम होती है, बल्कि किसान भी अपनी पैदावार को उच्च गुणवत्ता में बदल सकते हैं।