Matar price मटर के किसानों के खिले चेहरे: मटर के भावों ने तोड़ा 25 साल का रिकॉर्ड | जानिए पूरी खबर
Matar price मटर के दामों ने शिमला की मंडियों में तोड़ा पिछले 25 सालों का रिकॉर्ड। इस साल किसानों को मटर की फसल से भारी मुनाफा हुआ। जानिए मटर के भाव, उत्पादन और किसानों की सफलता की पूरी खबर।
22 अक्टूबर 2024 Matar price
इस साल किसानों के चेहरों पर मुस्कान की वजह बनी है मटर की फसल, जिसने पिछले 25 सालों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए आसमान छू लिए दाम। शिमला मंडियों में मटर के दाम 130 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं, जिसने किसानों को भारी मुनाफा दिया है। साथ ही, अन्य सब्जियों जैसे गोभी और बीन के भी दामों में बढ़ोतरी हुई है। आइए जानते हैं, मटर की इस जबरदस्त सफलता के पीछे की पूरी कहानी।
मटर के दामों में आई बंपर तेजी
शिमला के किसानों ने इस साल मटर की फसल में आई भारी तेजी का अनुभव किया है। औसत क्वालिटी के मटर 60 से 85 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं, जबकि सुपर क्वालिटी के मटर का दाम 20 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुका है। यह किसानों के लिए बेहद खुशी का साल साबित हुआ है, क्योंकि पिछले 25 वर्षों में पहली बार मटर ने ऐसे ऊंचे दाम हासिल किए हैं। मटर के ऊंचे दामों के साथ ही गोभी और बीन जैसी सब्जियों के भी अच्छे दाम मिल रहे हैं, जिससे किसानों की मेहनत का सही इनाम मिल रहा है।
फसल की उपज और मौसम का असर
हालांकि, इस साल मटर की उपज कुछ कम रही है, लेकिन फसल के ऊंचे दामों ने इस कमी को पूरी तरह से भर दिया है। शिमला के किसान बताते हैं कि मौसम की अनुकूलता न होने की वजह से फसल में देरी हुई, परंतु इस देरी का प्रभाव उनके मुनाफे पर नहीं पड़ा। मंडियों में मटर की कीमतों में आई उछाल ने किसानों की आर्थिक स्थिति को और भी मजबूत किया है।
मटर की क्वालिटी | दाम प्रति किलो (रुपये) |
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एवरेज क्वालिटी | 60-85 |
सुपर क्वालिटी | 130 |
किसानों की मेहनत का मिला सही फल
मटर की फसल उगाने में किसानों को काफी लागत का सामना करना पड़ता है। मजदूरी की बात करें तो किसानों को प्रति मजदूर 500 रुपये प्रतिदिन देने पड़ते हैं। इसके अलावा, मंडियों तक फसल पहुंचाने के लिए हर बोरी पर 300 रुपये का खर्च आता है। हालांकि, मटर के ऊंचे दाम मिलने से किसानों को यह लागत भरपाई हो रही है, और वे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
मंडियों तक फसल पहुंचाने वाले ट्रांसपोर्टर्स को लोडिंग की कमी के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है, लेकिन किसानों के लिए यह साल बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है।
पिछले 25 वर्षों में सबसे ऊंचे दाम
शिमला की मंडियों में मटर के दाम 130 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं, जो पिछले 25 सालों में सबसे ऊंचे दाम हैं। इसके अलावा, अन्य सब्जियों के भी दामों में बढ़ोतरी हुई है। गोभी 45 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रही है, जबकि बीन का भाव 81 से 110 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। इस त्योहारी सीजन में शिमला मिर्च भी 80 से 90 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है।
सब्जी | दाम प्रति किलो (रुपये) |
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गोभी | 45-50 |
बीन | 81-110 |
शिमला मिर्च | 80-90 |
मटर की फसल से मिली बड़ी राहत
मौसम की चुनौती के बावजूद मटर की फसल ने किसानों को उम्मीद से ज्यादा फायदा दिया है। किसानों ने बताया कि पहले इतनी ऊंची कीमतों का सपना भी नहीं देखा था, लेकिन इस साल मटर ने उन्हें बहुत बड़ी राहत दी है। अब किसान भविष्य में भी इस तरह की सफलता की उम्मीद कर रहे हैं।
मटर की फसल ने इस साल न सिर्फ किसानों की मेहनत का सही इनाम दिया है, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी है। इस रिकॉर्ड-तोड़ बढ़ोतरी से किसान आर्थिक रूप से सशक्त हुए हैं और आने वाले समय में मटर की फसल के और बेहतर भविष्य की उम्मीद की जा रही है।