New Highway, देश का पहला अंडरग्राउंड हाईवे, हिमाचल प्रदेश में 85 किमी लंबी सुरंगों से गुजरेगा नया हाईटेक फोरलेन
हिमाचल प्रदेश में देश का पहला 85 किमी लंबा अंडरग्राउंड फोरलेन हाईवे तैयार किया जा रहा है, जो यात्रा को अधिक सुरक्षित और रोमांचक बनाएगा। पढ़ें पूरी खबर।
New Highway : देश का पहला अंडरग्राउंड हाईवे, हिमाचल प्रदेश में 85 किमी लंबी सुरंगों से गुजरेगा नया हाईटेक फोरलेन
New Highway : नई दिल्ली: केन्द्र सरकार सड़कों और हाइवे नेटवर्क को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश में देश का पहला अंडरग्राउंड फोरलेन हाईवे तैयार किया जा रहा है, जो 85 किमी की लंबाई में भूमि के अंदर से गुजरेगा। इस हाईवे का निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा किया जा रहा है, जो देश में सड़क यातायात के भविष्य को बदल सकता है।
इस हाईटेक हाईवे के निर्माण से न केवल यात्रियों के सफर में रोमांच आएगा, बल्कि समय और ईंधन की भी बचत होगी। इस परियोजना में 85 किमी लंबी सुरंगें बनाई जा रही हैं, जो कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से होकर गुजरेंगी। इसके निर्माण से हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करना सुरक्षित और सुगम हो जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्षों में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई प्रमुख मार्ग प्रभावित हुए थे। खासकर कीरतपुर-मनाली, पठानकोट-मंडी और पिंजौर-नालागढ़ हाईवे पर नुकसान हुआ था, जिससे यात्रा में रुकावटें आईं। इस आपदा के बाद NHAI द्वारा सर्वेक्षण किया गया और सुझाव मिला कि इन क्षेत्रों में अधिकतर मार्गों को सुरंगों के माध्यम से बनाना एक सुरक्षित और स्थायी विकल्प होगा। इसके चलते सरकार ने भूमि के नीचे फोरलेन हाईवे बनाने का निर्णय लिया है, जो हिमाचल प्रदेश के कठिन भौगोलिक परिदृश्य के अनुकूल है।
यह हाईवे न केवल भूमि के नीचे होकर गुजरेगा बल्कि इसे पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। हाईवे पर ऑटोमेटिक टोल सिस्टम, वेंटिलेशन सिस्टम और आपातकालीन सेवाओं के साथ साथ हाईटेक निगरानी सुविधाएं भी होंगी, ताकि सुरक्षा का ध्यान रखा जा सके।
इसके अलावा, हाईवे पर बनाए जा रहे विभिन्न टनल्स को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला जा सके। इसके लिए हाईवे के प्रत्येक सेक्शन में विशेष आपातकालीन निकास द्वार और संकेतक लगाए जाएंगे।
इस परियोजना के तहत 68 सुरंगों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें से 11 टनल्स का काम पूरा हो चुका है और बाकी सुरंगों पर कार्य प्रगति पर है। NHAI के अनुसार, 50% से अधिक की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है, जिससे आने वाले समय में यह हाईवे यात्रियों के लिए पूरी तरह से सुलभ हो सकेगा।
हाईवे निर्माण का यह कदम हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। पर्यावरण और सुरक्षा की दृष्टि से अंडरग्राउंड फोरलेन हाईवे देश का पहला प्रयास है, जो भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। हिमाचल प्रदेश का यह हाईवे केवल एक यात्रा मार्ग नहीं होगा, बल्कि यह राज्य में होने वाली आपदाओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित और आधुनिक यातायात का आधार बनेगा।