Bahraich Violence Case : बहराइच मामले के आरोपियों के एनकाउंटर के बाद पहली तस्वीर आई सामने, पैर में लगी गोली, नेपाल भागने की फिराक में थे आरोपी
बहराइच हिंसा के दो आरोपियों का पुलिस ने एनकाउंटर किया। सरफराज और तालिब को नेपाल भागते समय गोली लगी। जानिए एनकाउंटर की पूरी घटना और इस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।
Bahraich Violence Case : बहराइच मामले के आरोपियों के एनकाउंटर के बाद पहली तस्वीर आई सामने, पैर में लगी गोली, नेपाल भागने की फिराक में थे आरोपी
Bahraich Violence Case : बहराइच हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने दो आरोपियों का एनकाउंटर किया है। सरफराज और तालिब, जो हिंसा में शामिल थे, इस एनकाउंटर में घायल हो गए हैं। दोनों के पैरों में गोली लगी है। पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे। यह मुठभेड़ नेपाल सीमा के पास हांडा बसेहरी नहर के पास हुई।
बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा भड़की थी। आरोप है कि इस दौरान सरफराज और तालिब ने फायरिंग कर 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की हत्या कर दी। इस हिंसा के बाद इलाके में तनाव फैल गया था, और पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए आरोपियों की तलाश शुरू की। पुलिस को सूचना मिली कि दोनों आरोपी नेपाल भागने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके बाद मुठभेड़ की स्थिति बनी।
नानपारा के सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) अधिकारी ने बताया कि गोली अभी भी दोनों आरोपियों के पैर के अंदर है, क्योंकि गोली का एग्जिट पॉइंट नहीं दिखा है। दोनों को आगे की जांच और इलाज के लिए बहराइच जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया है।
पुलिस के अनुसार, एनकाउंटर के बाद नेपाल से सटे जिलों को अलर्ट कर दिया गया है, ताकि और कोई फरार ना हो सके। सरफराज, जो इस मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद का बेटा है, और तालिब दोनों की हालत खतरे से बाहर है और वे फिलहाल पुलिस की निगरानी में अस्पताल में हैं।
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने इस एनकाउंटर को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि यह एनकाउंटर फर्जी है और सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए ऐसे कदम उठा रही है। अजय राय का यह बयान तब आया है जब सरकार इस मुठभेड़ को कानून व्यवस्था बनाए रखने के कदम के रूप में देख रही है।
मुठभेड़ के बाद पूरे बहराइच जिले और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। नेपाल से लगने वाली सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ाई गई है, ताकि कोई अन्य आरोपी सीमा पार न कर सके।