कुमारी सैलजा की नाराजगी: कांग्रेस हाईकमान एक्शन में, हुड्डा को सख्त संदेश, भाजपा का न्योता, कांग्रेस के लिए चुनौती
कुमारी सैलजा की नाराजगी के बाद कांग्रेस हाईकमान एक्शन में, भाजपा ने दिया पार्टी में शामिल होने का न्योता। सैलजा का चुनावी प्रचार से दूर रहना कांग्रेस के लिए चुनौती।
कुमारी सैलजा की नाराजगी: कांग्रेस हाईकमान एक्शन में, हुड्डा को सख्त संदेश, भाजपा का न्योता, कांग्रेस के लिए चुनौती
खेत तक, चंडीगढ़, कुमारी सैलजा की नाराजगी से हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और दलित समुदाय की प्रमुख नेता, सैलजा ने हाल ही में चुनाव प्रचार से दूरी बनाई है, जिससे कांग्रेस को संभावित नुकसान हो सकता है। इस स्थिति को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान अब एक्शन में आ गया है।
हाल ही में कुमारी सैलजा को लेकर अपशब्द कहे जाने वाला एक वीडियो सामने आया, जिससे उनकी नाराजगी और बढ़ गई। हालांकि, कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस घटना की निंदा की, लेकिन भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसे दलित बहन का अपमान बताते हुए सैलजा को भाजपा में शामिल होने का न्योता दिया, जिससे कांग्रेस हाईकमान को और सतर्क होना पड़ा।
कुमारी सैलजा की नाराजगी को कांग्रेस हाईकमान ने गंभीरता से लिया है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल जल्द ही सैलजा से मुलाकात कर उन्हें मनाने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी साफ संदेश दिया गया है कि सैलजा जैसे वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
कहा जा रहा है कि आने वाले चुनाव प्रचार में कुमारी सैलजा राहुल गांधी या प्रियंका गांधी के साथ मंच साझा कर सकती हैं। इससे न केवल कांग्रेस की स्थिति मजबूत होगी, बल्कि सैलजा की नाराजगी भी दूर हो सकती है। हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की आगामी रैली में सैलजा की उपस्थिति अभी भी संशय में है।
भाजपा के कुमारी सैलजा को पार्टी में शामिल करने के न्योते के बाद, कांग्रेस ने स्थिति को और गंभीरता से लिया है। कांग्रेस को इस बात का अंदेशा है कि अगर सैलजा को जल्द नहीं मनाया गया, तो इसका चुनावी प्रभाव विपरीत हो सकता है।
वर्तमान में, कुमारी सैलजा दिल्ली में हैं और अपने क्षेत्र के लोगों से मिल रही हैं। पहले वह हरियाणा चुनाव से जुड़े मुद्दों को सोशल मीडिया पर साझा करती थीं, लेकिन अब वह केवल हरियाणा से बाहर के मुद्दों पर ही सक्रिय हैं।
आने वाले दिनों में सैलजा का चुनावी मंच पर वापस लौटना कांग्रेस के लिए अहम साबित हो सकता है। अगर हाईकमान उन्हें मनाने में सफल रहा, तो यह चुनावों में पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता है।