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Bihar Bhumi Survey 2024: नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, जमीन मालिकों को मिलेगी बड़ी राहत

नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, जमाबंदी में त्रुटि वाले जमीन मालिकों को राहत, ऑफलाइन मोड से त्रुटि सुधार का विकल्प, पढ़ें पूरी जानकारी।

Bihar Bhumi Survey 2024: नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, जमीन मालिकों को मिलेगी बड़ी राहत

खेत तक, 13 सितम्बर, पटना: बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण 2024 को लेकर एक बड़ा फैसला किया है, जिससे प्रदेश के लाखों जमीन मालिकों को बड़ी राहत मिलेगी। अब ऑनलाइन जमाबंदी (Bihar Jamin Jamabandi) में त्रुटि पाए जाने पर जमीन मालिकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। सरकार ने ऑफलाइन मोड में सभी जरूरी दस्तावेज दिखाकर सर्वेक्षण पूरा करने का विकल्प दिया है, जिससे जमाबंदी में सुधार की प्रक्रिया और तेज हो जाएगी।

त्रुटि सुधार
सरकार की इस नई योजना के तहत, अगर किसी जमीन मालिक की ऑनलाइन जमाबंदी में त्रुटि है या उसमें सुधार नहीं हो पा रहा है, तो वह अपने सभी आवश्यक दस्तावेज ऑफलाइन मोड में दिखाकर सर्वेक्षण का काम पूरा करवा सकता है। यह कदम राज्य में भूमि विवाद और प्रक्रियागत देरी की समस्या का समाधान करेगा।
बिहार भूमि सर्वेक्षण 2024 के अंतर्गत, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि सर्वे के लिए लगाए गए शिविरों या सर्वे कार्यालयों में जाकर दस्तावेज जमा करने पर रैयतों की समस्याओं का निपटारा किया जाएगा।

खरीदी गई जमीन का भी होगा सर्वेक्षण
अगर किसी व्यक्ति ने रैयत या खतियानी रैयत से जमीन खरीदी है, लेकिन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है, तब भी वह कागजात दिखाकर सर्वेक्षण करवा सकता है। सरकार का यह कदम विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो जमाबंदी में आई त्रुटियों के कारण अपने भूमि विवाद का हल नहीं पा रहे थे। अब उन्हें ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों मोड में विकल्प मिलेंगे।

प्रपत्र दो भरने की अपील
सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि सभी रैयतों को जल्द से जल्द प्रपत्र दो भरकर जमा कर देना चाहिए। यह प्रपत्र ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में उपलब्ध है। अगर कोई रैयत किसी अन्य राज्य में है, तो उसे सर्वेक्षण के लिए वापस आने की जरूरत नहीं है। वह विभागीय पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन ही प्रपत्र दो भर सकते हैं और जरूरी दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं।

सीमांकन के समय परिचित के सामने होगा काम
भूमि सीमांकन के दौरान अगर रैयत स्थल पर मौजूद नहीं रहते हैं, तो उनके किसी परिचित के सामने भी सीमांकन का काम किया जा सकता है। इस प्रकार, जमीन मालिकों को सर्वेक्षण के समय उपस्थित होने की बाध्यता नहीं होगी, जिससे उनकी सुविधा बढ़ेगी।

वंशावली में सुधार
सरकार ने वंशावली से संबंधित समस्याओं को भी हल कर दिया है। अब वंशावली प्रपत्र या सादे कागज पर स्वघोषित वंशावली तैयार की जा सकती है, जिसके लिए किसी पदाधिकारी या सरपंच के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है।

समाप्त होगी अफरा-तफरी
सरकार ने लोगों से अपील की है कि भूमि सर्वेक्षण के दौरान अफरा-तफरी की आवश्यकता नहीं है। प्रपत्र दो में जमीन से संबंधित सभी जानकारी भरने के बाद सर्वेक्षण प्रक्रिया सहज रूप से पूरी हो जाएगी। सरकार का यह कदम भूमि विवादों को सुलझाने और राज्य में भूमि सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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