Garlic cultivation : विदेशी तकनीक से करें लहसुन की खेती, एक एकड़ में होगी 60 क्विंटल पैदावार पाएं
Garlic cultivation: Cultivate garlic with foreign technology, you will get 60 quintal yield in one acre.
Garlic cultivation : विदेशी तकनीक से करें लहसुन की खेती, एक एकड़ में होगी 60 क्विंटल पैदावार पाएं
लहसुन की खेती : खेत तक, नई दिल्ली, लहसुन की खेती किसानों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण खेती है। अगर किसान भाई इस खेती को सही तरीके से करें तो किसान कम खर्चे में अधिक पैदावार प्राप्त की जा सकती है। आज हम विदेशी तरीके से लहसुन की खेती के बारे में जानेंगे, जिससे एक एकड़ में 60 क्विंटल तक उपज मिल सकती है। सही किस्म के चयन, बुवाई की विधि, और उर्वरक प्रबंधन पर खास ध्यान देकर किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
लहसुन की खेती की शुरुआत सही किस्म के चयन से होती है। आज के समय में उटी फर्स्ट लहसुन सबसे अधिक पसंदीदा और लाभदायक किस्म है। इसकी पैदावार देसी लहसुन की तुलना में अधिक होती है, और यह बीमारियों के प्रति भी अधिक प्रतिरोधी है। सही किस्म का चयन करने से न केवल पैदावार में वृद्धि होती है, बल्कि बाजार में इसका भाव भी अच्छा मिलता है।
बेड विधि से लहसुन की बुवाई एक स्मार्ट तरीका है जो पैदावार बढ़ाने में मदद करता है। बेड बनाकर बुवाई करने से मिट्टी की सतह थोड़ी ऊंची रहती है और मिट्टी भुरभुरी होती है। इसका लाभ यह है कि कंद का आकार बड़ा होता है, जिससे उपज भी अधिक मिलती है। इस विधि को अपनाने वाले किसान बताते हैं कि इससे लहसुन की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में वृद्धि होती है।
हाथों से बुवाई करें, मशीन का उपयोग न करें
लहसुन की बुवाई हाथों से करने पर बेहतर अंकुरण और सही दूरी में पौधे उगते हैं। मशीन से बुवाई करने पर बीज एक-दूसरे के पास पड़ सकते हैं, जिससे पौधों की वृद्धि प्रभावित होती है। इसलिए, हर बीज को हाथों से सही गहराई और निश्चित दूरी पर लगाएं ताकि पौधे का विकास सही हो सके।
उर्वरक प्रबंधन का रखें ध्यान
उटी फर्स्ट लहसुन की खेती में अधिक खाद की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन समय-समय पर पोषक तत्वों का सही प्रबंधन करना जरूरी है। लहसुन की वृद्धि के लिए सही समय पर उर्वरक डालने से कंद का विकास अच्छा होता है।
लहसुन की खेती के फायदे
उच्च आय: कम खर्चे में अधिक पैदावार और अच्छे भाव मिलने से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।
बीमारियों का कम खतरा: उटी फर्स्ट किस्म बीमारियों के प्रति अधिक प्रतिरोधी है।
बाजार में अधिक मांग: देसी लहसुन की तुलना में इसकी मांग अधिक है।