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Kharif Crops Sowing: खरीफ फसलों की बुवाई ने तोड़े पुराने रिकॉर्ड: धान का रकबा पहली बार 408 लाख हेक्टेयर के पार, दलहन और तिलहन में भी बढ़ोतरी

Kharif Crops Sowing: Sowing of Kharif crops broke old records: Paddy area crossed 408 lakh hectares for the first time, pulses and oilseeds also increased.

Kharif Crops Sowing: खरीफ फसलों की बुवाई ने तोड़े पुराने रिकॉर्ड: धान का रकबा पहली बार 408 लाख हेक्टेयर के पार, दलहन और तिलहन में भी बढ़ोतरी

Kharif Crops Sowing: खेत तक, नई दिल्ली – इस साल खरीफ फसलों की बुवाई ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, धान की बुवाई ने इस बार इतिहास रच दिया है, जबकि दलहन, तिलहन, और गन्ने का रकबा भी पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ गया है। हालांकि, कपास की बुवाई में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे किसानों के बीच चिंता बढ़ गई है। आइए जानते हैं इस साल की खरीफ फसलों की बुवाई के विस्तृत आंकड़े और उनके संभावित प्रभाव।

धान की बुवाई ने तोड़ा रिकॉर्ड
इस साल धान की बुवाई ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 30 अगस्त तक देश में 408.72 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुवाई और रोपाई हो चुकी है। यह आंकड़ा पिछले साल के 393.57 लाख हेक्टेयर से 15.15 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। इतना ही नहीं, यह रकबा 2018-19 से 2022-23 तक के औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से भी अधिक है, जो इस बात का संकेत है कि इस साल धान की खेती में जबरदस्त उछाल आया है।

दलहन और तिलहन फसलों में भी बढ़ोतरी
धान के अलावा, दलहन और तिलहन फसलों का रकबा भी इस साल बढ़ा है। दलहन फसलों का कुल रकबा 125.13 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल की तुलना में 8.47 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। अरहर की बुवाई में 5.04 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है, जिससे इसका कुल रकबा 45.78 लाख हेक्टेयर हो गया है।

तिलहन फसलों का कुल क्षेत्र 190.63 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 1.80 लाख हेक्टेयर अधिक है। मूंगफली के रकबे में सबसे ज्यादा 4.09 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है, जिससे इसका कुल क्षेत्रफल 47.49 लाख हेक्टेयर हो गया है।

मोटे अनाजों और अन्य फसलों की स्थिति
श्री अन्न यानी मोटे अनाजों का रकबा भी इस साल बढ़ा है। 187.74 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में 6.68 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। ज्वार की बुवाई में 1.10 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है, जिससे इसका कुल क्षेत्र 15.16 लाख हेक्टेयर हो गया है।

बाजरा की बुवाई में पिछले साल के मुकाबले 1.26 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज की गई है। इस साल 69.55 लाख हेक्टेयर में बाजरा की बुवाई हुई है। दूसरी ओर, मक्का की बुवाई में 4.41 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है, जिससे इसका कुल क्षेत्र 87.27 लाख हेक्टेयर हो गया है।

कपास की बुवाई में गिरावट
जहां एक ओर अन्य फसलों का रकबा बढ़ा है, वहीं कपास की बुवाई में इस साल गिरावट आई है। 30 अगस्त तक केवल 111.74 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई हो सकी है, जो पिछले साल की तुलना में 11.37 लाख हेक्टेयर कम है। 2018-19 से 2022-23 तक के औसत 129.34 लाख हेक्टेयर के मुकाबले यह आंकड़ा काफी कम है। जूट की बुवाई में भी 0.86 लाख हेक्टेयर की कमी आई है, जिससे इसका कुल रकबा 5.70 लाख हेक्टेयर रह गया है।

गन्ने की बुवाई में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है। इस साल गन्ने का कुल रकबा 57.68 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल की तुलना में 0.57 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।

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