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Bihar Land Survey : बिहार के 45,000 गांवों में चल रहा है भूमि सर्वेक्षण, जानें कैसे पाएं समाधान और क्यों हैं ये शिविर महत्वपूर्ण

Bihar Land Survey : बिहार के 45,000 गांवों में चल रहा है भूमि सर्वेक्षण, जानें कैसे पाएं समाधान और क्यों हैं ये शिविर महत्वपूर्ण

Khet Tak, 31 August, बिहार में भूमि सुधार और सर्वेक्षण का कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है, जिसमें 45,000 से अधिक गांवों में भूमि सर्वेक्षण का कार्य जारी है। भूमि मालिकों के लिए यह समय विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि सर्वेक्षण की प्रक्रिया आवश्यक दस्तावेज, और भूमि के मालिकाना हक के निर्धारण से जुड़े कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इन मुद्दों का समाधान करने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने हाल ही में सर्वेक्षण अधिकारियों के साथ बैठक की और महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं।

दीपक कुमार सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भूमि सर्वे शिविरों का आयोजन ऐसी जगहों पर नहीं होना चाहिए जहां लोगों को पहुंचने में कठिनाई हो। इसके बजाय, शिविरों का गठन अंचल या अंचल कार्यालय के आसपास ही किया जाना चाहिए। इस निर्णय का उद्देश्य है कि अंचल कार्यालय परिसर में उपलब्ध आधुनिक अभिलेखागारों में मौजूद कंप्यूटर और प्रिंटर जैसी सुविधाओं का सर्वेक्षण कार्य में अधिकतम उपयोग किया जा सके।

राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि सर्वे शिविरों की जानकारी आम जनता तक आसानी से पहुंचाई जाए। जिलों के अंचलों में बने शिविरों का स्थान, शिविर प्रभारी का नाम और मोबाइल नंबर स्थानीय अखबारों में प्रकाशित करवाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लोगों को शिविर ढूंढने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

बैठक के दौरान, भूमि सर्वेक्षण के कार्य की समीक्षा करते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि दूसरे चरण के सर्वे की तैयारी जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए। उन्होंने सर्वे शिविरों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने के भी निर्देश दिए।

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि रैयतों का सर्वेक्षण के दौरान शिविर में उपस्थित होना अनिवार्य नहीं है। वे कहीं से भी अपनी भूमि का सर्वेक्षण करवा सकते हैं। हालांकि, स्वघोषणा यानि प्रपत्र-2 में अपनी भूमि का ब्यौरा सौंपने के कार्य में रैयतों द्वारा सुस्ती बरती जा रही है।

रोहतास जिले में लगभग 10,000 रैयतों द्वारा स्वघोषणा अपलोड की गई है, लेकिन अन्य जिलों में यह कार्य धीमी गति से हो रहा है। विभाग ने इस पर ध्यान केंद्रित करते हुए रैयतों से अपील की है कि वे इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करें।

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