धान की फसल पर पत्ती मोड़क कीट का हमला: धान की खेती को हल्के में न लें किसान, कृषि वैज्ञानिकों के ने दिए प्रभावी उपचार सुझाव
धान की फसल पर पत्ती मोड़क कीट का हमला: धान की खेती को हल्के में न लें किसान, कृषि वैज्ञानिकों के ने दिए प्रभावी उपचार सुझाव
खेत तक, 25 अगस्त 2024, नई दिल्ली, किसान भाइयों इन दिनों धान की खेती किसानों के लिए जदोजहद बनी हुई है । क्यूंकी यह समय फिलहाल पौधे के बढ़वार और कल्ले फुटाव का चल रहा है । ऐसे में किसानों को कई प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है । धान के पौधे पीले पड़ रहे है, दीमक का प्रकोप भी बढ़ रहा है तो वही धान की फसल पर पत्ती मोड़क कीट का हमला भी देखने को मिल रहा है । ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों का कहना है की किसान भाइयों को धान की फसल को फिलहाल हल्के में नहीं लेना चाहिए ।
धान की फसल पर पत्ती मोड़क कीट (Sorghum Leaf Roller) का प्रकोप सामने आया है। इस कीट के आक्रमण से किसान चिंतित हैं, क्योंकि इससे फसल को गंभीर नुकसान हो सकता है।
पत्ती मोड़क कीट की इल्ली अवस्था पत्तियों को अपनी लार से चिपका लेती है, जिससे पत्तियों पर सफेद धारियां बन जाती हैं और क्लोरोफिल की कमी के कारण पत्तियां सूख जाती हैं। यह स्थिति फसल की वृद्धि को प्रभावित करती है और उत्पादन में कमी कर सकती है।
कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों ने इस समस्या को समझने के बाद किसानों को कई उपाय सुझाए हैं:
खेतों की देखभाल: खेतों और मेड़ों को खरपतवार मुक्त रखें और संतुलित पोषक तत्वों का उपयोग करें।
कीट नियंत्रण: रात में कीटों को पकड़ने के लिए लाइट ट्रैप का उपयोग करें और अंडे या इल्ली दिखाई देने पर उन्हें इकट्ठा कर नष्ट करें।
कीटनाशक उपयोग: बारिश रुकने और मौसम खुलने पर, क्लोरोपायरीफास 20 ई.सी., कर्टाफ हाइड्रोक्लोराइड 50 एस.पी., क्लोरेटानिलिप्रोएल 18.5 एस.सी., या इंडोक्साकार्ब 15.80 प्रतिशत ई.सी. का स्प्रे करें। यदि प्रभावी नहीं हो, तो 15 दिन बाद दूसरा कीटनाशक उपयोग करें।
किसानों को सलाह दी गई है कि वे कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर सही कीटनाशक और उपायों की जानकारी प्राप्त करें।इन सुझावों का पालन करके किसान अपनी फसल को पत्ती मोड़क कीट से बचा सकते हैं और बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।