Dhan Me Kalle Kaise badhaye | आज ही डालें ये जादूई खुराक | एक पौधे से निकलेंगे 100 से 150 कल्ले।
धान में कल्ले कैसे बढ़ाएं? आज ही डालें ये जादूई खुराक, एक पौधे से निकलेंगे 100 से 150 कल्ले।
Dhan Me Kalle Kaise badhaye | आज ही डालें ये जादूई खुराक | एक पौधे से निकलेंगे 100 से 150 कल्ले।
खेत तक, नई दिल्ली, किसान भाईयो इस बार धान की खेती किसानो के लिए समस्या लेकर आई है खासकर उन किसानों के लिए जिन किसानों ने नरमा-कपास, मुंग-मोठ, बाजरा या फिर अन्य फसलों को छोड़कर धान की खेती को पहली बार शुरू किया है। उन किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है। उन किसानों को धान में कहीं पीलापन दिखाई दे रहा है तो कहीं दीमक की समस्या ने अपना घर कर लिया है तो कहीं पता मरोड़ जैसी कई समस्याए किसानों के लिए सिरदर्द बनी हुई है।
किसान भाईयो जैसा कि आप सभी जानते है कि धान की पलाटैंशन के बाद जब धान 15 से 50 दिनों के अंदर हो जाए तो उस फसल पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है कि फसल में फुटाव अधिक कैसे होगा। जब फसल में अधिक फुटाव होगा तो कल्ले अधिक निकलेंगे, कल्ले अधिक होंगे तो जाहिर सी बात है उत्पादन भी डबल होगा।
लेकिन अब हम आपको दो ऐसी जादुई चीजों के बारे में बताएंगे जिससे आपका धान हरा भरा, फुल फुटाव, कल्ले भी जबरदस्त निकलेंगे। तो आइये जानते क्या है वो जादूई चीजे तो किसानों को अब तक नहीं है उसकी जानकारी।
किसान भाईयो जब आपका धान 15 से 50 दिन के बीच का हो जाए तो आपको एक स्प्रे ही करना होगा जिससे फुटाव अधिक आएगा, बलिया और कल्ले अधिक निकलेंगे।
1. जिंक सल्फेट-500 ग्राम
2. फेरस सल्फेट-500 ग्राम
किसान भाईयो जिंक सल्फेट का करते समय आपको बुझे हुए चूने का पानी लेना होगा वो भी 500 ग्राम।
अब आपको चुने का पानी कैसे लेना है वो भी हम बता देते है- किसान भाईयों आपको चुना लेना है स्प्रे से 2 से 3 घंटे पहले या फिर एक दिन पहले इसे एक मटके में पानी डालकर बिगोकर रखना है उसके बाद उसे बिल्कुल बारीक कपड़े से छान लेना है। चुने का पानी मात्र आपको 500 ग्राम ही लेना है इसके साथ ही आपको यूरिया का भी प्रयोग करना होगा। किसान भाईयो अगर आपके धान में नाईट्रोजन की कमी दिखाई दे रही है तो उसमें आप 1 किलाग्राम यूरिया भी डाल सकते है।
नोट- किसान भाइयों कोई भी किसी भी फसल में घरेलू नुस्खे अपनाने से पहले अपने नजदीकी कृषि अधिकारी या किसी विशेषज्ञ से राय जरूर लें ताकि किसानों को किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो। किसान अपनी समझ और विवेक से काम लें।