Expensive Electricity : राजस्थान में बिजली बिल होगा शून्य, सरकार लगाने जा रही है 1000 मेगावाट के सोलर पैनल
सोलर एनर्जी से होगी बिजली की बचत, हर साल 17,000 लाख यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य
Expensive Electricity : राजस्थान में बिजली बिल होगा शून्य, सरकार लगाने जा रही है 1000 मेगावाट के सोलर पैनल
सोलर एनर्जी से होगी बिजली की बचत, हर साल 17,000 लाख यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य
Khet Tak, Expensive Electricity : जयपुर – राजस्थान सरकार ने राज्य की सरकारी इमारतों और भवनों (जिनमें स्ट्रीट लाइट और पेयजल वितरण शामिल है) का बिजली बिल शून्य करने के लिए एक नई पहल की है। इस योजना के तहत, सभी सरकारी भवनों की छतों पर 1000 मेगावाट क्षमता के सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इससे हर साल करीब 17,000 लाख यूनिट सोलर बिजली का उत्पादन होगा, जिससे सरकारी इमारतों का बिजली खर्च पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।
वर्तमान में सरकारी भवनों में हर महीने लगभग 3400 लाख यूनिट बिजली खर्च होती है, जिसका कुल बिल 337 करोड़ रुपये आता है। यह बिल राज्य की डिस्कॉम्स को चुकाया जाता है। सोलर पैनल लगाने के बाद, केवल स्ट्रीट लाइट और पेयजल आपूर्ति के लिए ही बिजली का बिल चुकाना पड़ेगा।
महंगी बिजली से मिलेगी राहत
बिजली उत्पादन और मांग के बीच अंतर होने के कारण सरकार को महंगी बिजली खरीदनी पड़ती है। वर्तमान में, एक्सचेंज से 10 रुपये प्रति यूनिट की दर से करोड़ों यूनिट बिजली खरीदी जा रही है। सोलर पैनल लगने के बाद, सालाना 17,000 लाख यूनिट सोलर बिजली सप्लाई होगी, जिससे सरकार को काफी राहत मिलेगी।
सस्ती बिजली से होगी बचत
वर्तमान में सरकारी भवनों में प्रति यूनिट 8 रुपये की दर से बिजली ली जा रही है, जबकि सोलर पैनल से बिजली उत्पादन की लागत मात्र 3 रुपये प्रति यूनिट आएगी। सप्लाई और अन्य चार्ज जोड़ने के बाद भी 4 से 4.5 रुपये प्रति यूनिट की बचत होगी।
डिस्कॉम्स को भी मिलेगा फायदा
सरकारी भवनों में ज्यादातर बिजली की खपत सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक होती है, जो कि सोलर एनर्जी उत्पादन का समय भी है। छुट्टियों के दौरान बची हुई सस्ती बिजली डिस्कॉम्स को उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उन्हें भी लाभ होगा।
सूर्योदय योजना से मिलेगी बढ़त
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत केंद्र सरकार ने एक करोड़ घरों में सोलर पैनल लगाने की योजना बनाई है। इस योजना में राजस्थान सबसे आगे हो सकता है, क्योंकि यहां सोलर रेडिएशन सबसे ज्यादा है।
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि सस्ती बिजली उत्पादन बढ़ाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सभी सरकारी भवनों की छतों को रूफटॉप सोलर से लैस करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि निर्धारित समय के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।